Ek Must Samjhota Yojana: राजस्थान सरकार ने किसानों के लिए एक राहत भरी योजना शुरू की है जो पुराने ऋणों से परेशान डिफॉल्टर किसानों को राहत प्रदान करेगी। आज हम बात करने वाले है एक मुश्त समझौता योजना (Ek Must Samjhota Yojana) के बारे में जो डिफॉल्टर किसानों के लिए वरदानरूप साबित होगी।
इस योजना के तहत ऐसे किसानों को लाभ मिलेगा जो किसी कारणवश अपने पुराने ऋण को चूका नही पाए है और डिफॉल्टर घोषित हो चुके हैं। इस योजना के तहत किसान को मात्र 25 प्रतिशत बकाया राशि बैंक में जमा करवानी होगी। किसान बकाया राशि जमा करके फिर से बैंक से लोन प्राप्त कर सकते हैं।
25 प्रतिशत बकाया राशि जमा करके मिलेगा लाभ
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को 31 मार्च 2025 तक अपनी बकाया राशि का 25 प्रतिशत बैंक में जमा करना होगा। इसके बाद किसान कृषि और अकृषि ऋण के लिए पात्र हो जाएंगे और फिर से बैंक से लोन प्राप्त कर सकेंगे। यह योजना किसानों को आर्थिक राहत देने के उद्देश्य से लागू की गई है।
बकाया राशि जमा करने की प्रक्रिया और समयसीमा
राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार जालोर केंद्रीय सहकारी बैंक में इस योजना को किसान के लाभ के लिए लागू किया गया है। किसानों को अपनी बकाया राशि का मात्र 25 प्रतिशत बैंक में जमा करना होगा इसके बाद इस योजना के तहत बैंक से दुबारा लोन लिया जा सकेगा।
दुबारा लोन लेने के लिए किसान को बकाया राशि को दो किश्तों में बैंक में जमा करना होगा। इसके लिए आखरी तारीख 31 मार्च 2025 तय की गई है। यदि किसान समय पर योजना का लाभ नहीं लेते है या बकाया राशि जमा नहीं करते तो बैंक उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी कर सकता है।
एक मुश्त समझौता योजना का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य उन किसानों को राहत प्रदान करना है जो किसी कारणवश ऋण नहीं चुका पाए और अब उन्हें दुबारा बैंक ऋण की जरूरत है।
साथ ही यह योजना अकृषि ऋण, व्यक्तिगत ऋण और अन्य वित्तीय योजनाओं के तहत लिए गए ऋणों के लिए भी लागू होगी। यह योजना उन किसानों के लिए अच्छी है जो अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारना चाहते हैं।