STP investment: एसआईपी हो गई पुरानी अब एसटीपी निवेश से बनिए ‘धनवान’, जानिए कैसे काम करती है STP

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STP investment: अगर आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने की योजना बना रहे हैं लेकिन शेयर बाजार की अस्थिरता से घबराते हैं तो STP investment आपके लिए एक शानदार विकल्प हो सकता है। आजकल निवेशक पारंपरिक SIP की तुलना में STP को ज्यादा स्मार्ट विकल्प मान रहे हैं।

भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाने के लिए वेल्थ प्लानिंग का सही तरीका अपनाना जरूरी होता है। अधिकतर लोग SIP और STP investment के बीच उलझ जाते हैं। 

SIP यानी Systematic Investment Plan जिसमें हर महीने एक तय राशि निवेश की जाती है वहीं STP यानी Systematic Transfer Plan उन निवेशकों के लिए फायदेमंद होता है जो एकमुश्त राशि को समय के साथ धीरे-धीरे इक्विटी फंड में लगाना चाहते हैं।

SIP और STP क्या होते हैं

SIP और STP दोनों म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट के लोकप्रिय तरीके हैं। SIP निवेशकों को अनुशासन और नियमितता सिखाता है जबकि STP investment का उद्देश्य मार्केट जोखिम को कम करते हुए ज्यादा मुनाफा कमाना होता है। 

SIP में जहां हर माह सीधा निवेश होता है वहीं STP में पैसा पहले डेट फंड में लगाया जाता है और फिर तय समय पर धीरे-धीरे उसे इक्विटी फंड में ट्रांसफर किया जाता है।

क्या है STP investment 

मान लीजिए आपने एकमुश्त 5 लाख रुपये डेट फंड में लगाए हैं। अब आप हर महीने ₹25,000 या ₹50,000 जैसे हिस्से इक्विटी फंड में ट्रांसफर कर सकते हैं। यह तरीका आपको शेयर बाजार की अनिश्चितता से सुरक्षित रखता है और अच्छे समय पर निवेश का फायदा देता है।

STP कैसे करता है काम

STP investment की सबसे खास बात यह है कि यह निवेश को कई हिस्सों में बांटकर इक्विटी मार्केट में ट्रांसफर करता है। इससे निवेशक को बाजार के ऊंचे-नीचे दौर में औसतन बेहतर रिटर्न मिलता है। 

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यह खासतौर पर उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो अपने निवेश को मार्केट रिस्क से थोड़ा बचाकर लंबे समय में अच्छा फंड बनाना चाहते हैं।

STP के फायदे क्या हैं

STP investment निवेशकों को बाजार की टाइमिंग का तनाव नहीं लेने देता। यह रणनीति धीरे-धीरे निवेश करते हुए लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न का मौका देती है। साथ ही इससे निवेशक को मार्केट में उतार-चढ़ाव के दौर में नुकसान की संभावना भी कम हो जाती है। 

यह खासतौर पर उन लोगों के लिए बेहतर है जो एकमुश्त राशि को सीधे इक्विटी में न लगाकर सुरक्षित तरीके से निवेश करना चाहते हैं।

SIP और STP में क्या है मुख्य अंतर

अगर आप हर महीने नियमित निवेश करना चाहते हैं तो SIP आपके लिए सही है। यह आपको छोटी राशि से निवेश की आदत सिखाता है। 

लेकिन अगर आपने पहले से एकमुश्त राशि जमा कर ली है और उसे इक्विटी में लगाना चाहते हैं तो STP investment ज्यादा समझदारी वाला फैसला साबित हो सकता है। इसमें बाजार की स्थिति के अनुसार पैसा धीरे-धीरे ट्रांसफर होता है जिससे आपको बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना होती है।

निष्कर्ष

आज के समय में जब शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव आम हो गया है STP investment उन निवेशकों के लिए वरदान बनकर उभरा है जो समझदारी के साथ जोखिम को संतुलित कर निवेश करना चाहते हैं। 

एकमुश्त राशि को सही समय पर सही जगह ट्रांसफर करना ही इस योजना की असली खूबी है। अगर आप भी स्मार्ट निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं तो STP आपके पोर्टफोलियो का अहम हिस्सा बन सकता है।

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डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। इसमें निवेश की सलाह नहीं दी जा रही है। किसी भी निवेश से पहले योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।

Jitendra Saini

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