SIP vs Lumpsum: इन दिनों म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह अच्छा रिटर्न और निवेश का सरल तरीका है।
कई निवेशक शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से बचने के लिए भी म्यूचुअल फंड की ओर रुख कर रहे हैं। खासकर SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए निवेश करना लोगों को ज्यादा पसंद आ रहा है।
इसमें आप हर महीने 200 रूपये से लेकर 10,000 रूपये या उससे ज्यादा तक निवेश कर सकते हैं। छोटे-छोटे निवेश से आप लंबी अवधि में एक बड़ा फंड बना सकते हैं।
SIP और लंपसम में कौन बेहतर?
म्यूचुअल फंड में निवेश के दो प्रमुख तरीके हैं – SIP (Systematic Investment Plan) और लंपसम (Lumpsum Investment)। अगर आपके पास एकमुश्त बड़ी रकम नहीं है तो SIP आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। इसमें हर महीने छोटी-छोटी बचत करके आप लॉन्ग-टर्म में अच्छा रिटर्न कमा सकते हैं।
दूसरी ओर अगर आप एक साथ बड़ी राशि निवेश कर सकते हैं और मार्केट के सही मौके का इंतजार कर सकते हैं तो लंपसम (Lumpsum) निवेश आपके लिए बेहतर हो सकता है। हर म्यूचुअल फंड स्कीम में SIP और लंपसम दोनों के लिए अलग-अलग रिटर्न दर होती है।
SIP या Lumpsum में से आपको कौनसा तरीका चुनना चाहिए आइये जान लेते है।
SIP: निवेश का सबसे आसान और स्मार्ट तरीका
SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सबसे लोकप्रिय और सुविधाजनक तरीका है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप हर महीने अपनी सुविधा के अनुसार तय रकम निवेश कर सकते हैं जिसकी शुरुआत 500 रूपये से भी की जा सकती है।
SIP में फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है यानी आप अपनी आमदनी के अनुसार निवेश को बढ़ा या घटा सकते हैं जरूरत पड़ने पर इसे रोक सकते हैं या जब चाहें पैसा विदड्रॉ कर सकते हैं।
SIP की सबसे खास बात यह है कि मार्केट के उतार-चढ़ाव का औसत (रुपया-लागत औसत) बनता रहता है जिससे लॉन्ग-टर्म में बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना रहती है।
क्या SIP से बड़ा फंड बन सकता है?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर SIP में लंबे समय तक निवेश जारी रखें साथ ही आमदनी बढ़ने के साथ SIP की रकम में भी इजाफा करते रहें तो एक बड़ा कॉर्पस तैयार किया जा सकता है।
SIP में अनुशासन बनाए रखना बेहद जरूरी है क्योंकि लंबी अवधि में यह पावर ऑफ कंपाउंडिंग के जरिए शानदार रिटर्न दे सकता है। हालांकि इसका एक नुकसान यह भी है कि मार्केट में अचानक आई बड़ी गिरावट का फायदा नहीं उठा सकते जबकि एकमुश्त निवेश (लंपसम) में यह संभव है।
इसके अलावा अगर कोई SIP की किस्त समय पर नहीं भरता है तो उसे जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसलिए SIP को समझदारी से मैनेज करना जरूरी है।
Lumpsum निवेश: जब आपके पास एकमुश्त पूंजी हो
म्यूचुअल फंड में Lumpsum (एकमुश्त) निवेश करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप बाजार की स्थिति को देखकर सही समय पर पैसा लगा सकते हैं और उसके उतार-चढ़ाव से फायदा उठा सकते हैं।
इसमें SIP की तरह नियमित किस्त भरने की जरूरत नहीं होती जब भी आपके पास एक बड़ी रकम हो आप इसे म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा लंपसम निवेश पर किसी तरह का जुर्माना या पेनाल्टी नहीं लगती जिससे निवेशक को अधिक नियंत्रण मिलता है।
क्या Lumpsum निवेश सबके लिए सही है?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का मानना है कि लंपसम में पैसा तभी लगाना चाहिए जब आपके पास पर्याप्त पूंजी हो और बाजार की अच्छी समझ हो।
अगर सही समय पर निवेश किया जाए तो यह बेहतरीन रिटर्न दे सकता है लेकिन एक छोटी सी गलती भी बड़े नुकसान का कारण बन सकती है। इसलिए यदि आप बाजार के उतार-चढ़ाव को समझते हैं और जोखिम लेने के लिए तैयार हैं तो Lumpsum एक अच्छा विकल्प है।
लेकिन यदि आप नए निवेशक हैं और कम जोखिम में बेहतर रिटर्न चाहते हैं तो SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) आपके लिए ज्यादा सुरक्षित और स्मार्ट ऑप्शन हो सकता है।