Stand up India scheme: भारत सरकार लगातार ऐसे प्रयास कर रही है जिससे सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। इसी दिशा में एक बड़ा कदम है Stand up India scheme जो विशेष रूप से अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और महिला उद्यमियों को स्वरोजगार के लिए सशक्त बनाती है।
क्या है Stand up India scheme
Stand up India scheme वित्त मंत्रालय की एक प्रमुख योजना है जिसका उद्देश्य हाशिए पर खड़े वर्गों को आर्थिक सहायता देकर उन्हें व्यवसाय शुरू करने में मदद करना है।
इस योजना के अंतर्गत मैन्युफैक्चरिंग, ट्रेडिंग, सर्विस और कृषि आधारित नए प्रोजेक्ट्स के लिए 10 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये तक का बैंक लोन प्रदान किया जाता है।
योजना का मूल उद्देश्य
सरकार का लक्ष्य है कि देश की हर बैंक शाखा कम से कम एक SC/ST और एक महिला उद्यमी को लोन प्रदान करे।
यदि आवेदन किसी फर्म या कंपनी की ओर से किया जाता है, तो उसमें कम से कम 51% हिस्सेदारी और नियंत्रण SC/ST या महिला उद्यमी के पास होना आवश्यक है। इससे यह तय होता है कि वास्तविक नियंत्रण उन्हीं के हाथों में रहे।
योजना की खासियतें जो इसे बनाती हैं अनोखा
इस स्कीम के अंतर्गत लाभार्थियों को टर्म लोन या वर्किंग कैपिटल की सुविधा मिलती है। साथ ही Rupay डेबिट कार्ड भी जारी किया जाता है ताकि नकदी की जरूरत आसानी से पूरी हो सके।
इसके अलावा SIDBI पोर्टल के माध्यम से ट्रेनिंग, प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने, फॉर्म भरने और गाइडेंस जैसी सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाती हैं।
कौन-कौन ले सकता है इस योजना का लाभ
Stand up India scheme के तहत आवेदन करने के लिए कुछ पात्रता शर्तें तय की गई हैं:
- आवेदक SC/ST वर्ग का या महिला उद्यमी होना चाहिए और उसकी उम्र 18 साल से अधिक होनी चाहिए।
- योजना सिर्फ ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट्स यानी पहली बार व्यवसाय शुरू करने वालों के लिए मान्य है।
- अगर कंपनी में एक से अधिक भागीदार हैं, तो कम से कम 51% हिस्सेदारी SC/ST या महिला के नाम होनी चाहिए।
- आवेदक किसी बैंक या वित्तीय संस्था का डिफॉल्टर नहीं होना चाहिए।
कैसे मिलता है लोन और कितना
इस योजना के तहत Composite Loan दिया जाता है जिसमें टर्म लोन और वर्किंग कैपिटल दोनों शामिल होते हैं। प्रोजेक्ट की कुल लागत का 75% तक का लोन प्रदान किया जा सकता है, जिसकी अधिकतम सीमा 1 करोड़ रुपये तक होती है। यह लोन 7 साल की अवधि में चुकाना होता है, जिसमें अधिकतम 18 महीने की मोरेटोरियम अवधि भी दी जाती है।
आवेदन की प्रक्रिया क्या है?
लोन के लिए आप तीन तरीके से आवेदन कर सकते हैं:
- नजदीकी बैंक शाखा में जाकर
- अपने जिले के लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर से मिलकर
- Stand up India scheme के पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन
ऑनलाइन आवेदन के स्टेप्स:
स्टेप 1: पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर New Entrepreneur ऑप्शन चुनें
स्टेप 2: नाम, मोबाइल नंबर और ईमेल भरें, OTP के जरिए वेरिफाई करें
स्टेप 3: यूजर आईडी और पासवर्ड बनाकर लॉगिन करें
स्टेप 4: व्यवसाय, स्थान और कैटेगरी से जुड़ी जानकारियां भरें
स्टेप 5: लोन राशि का चयन कर आवेदन सबमिट करें
स्टेप 6: बैंक अधिकारी आपसे संपर्क कर आगे की प्रक्रिया बताएंगे
जरूरी दस्तावेज क्या-क्या लगेंगे?
Stand up India scheme के लिए आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेजों की जरूरत होती है:
- पहचान पत्र (आधार, पैन, वोटर ID आदि)
- निवास प्रमाण पत्र और बिजनेस एड्रेस प्रूफ
- गैर-डिफॉल्टर होने का प्रमाण
- कंपनी से जुड़े दस्तावेज, पार्टनरशिप डीड
- इनकम टैक्स रिटर्न, बैलेंस शीट
- SSI/MSME पंजीकरण
- प्रोजेक्ट रिपोर्ट और मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस की डिटेल
- जाति प्रमाण पत्र
- अगर लोन ₹25 लाख से अधिक हो तो पिछले 3 साल की बैलेंस शीट और मशीनरी का विवरण भी देना होता है
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q. Stand up India scheme का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति, जनजाति और महिला उद्यमियों को व्यवसाय शुरू करने के लिए वित्तीय मदद और प्रोत्साहन देना है।
Q. इस स्कीम के तहत कितना लोन मिल सकता है?
10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक।
Q. यदि मेरा आवेदन अस्वीकृत हो जाए तो क्या दोबारा अप्लाई कर सकता हूं?
हां, बैंक से कारण जानकर उसे ठीक कर दोबारा आवेदन किया जा सकता है।
Q. क्या इस लोन के लिए कोई गारंटी देनी होती है?
नहीं, इसके लिए क्रेडिट गारंटी की जरूरत नहीं होती।
Q. यह स्कीम स्टार्ट-अप इंडिया से कैसे अलग है?
स्टार्ट-अप इंडिया आइडिया-आधारित स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करता है, जबकि Stand up India scheme विशेष रूप से SC/ST और महिला उद्यमियों के ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट्स को सपोर्ट करती है।
निष्कर्ष
Stand up India scheme आज उन लोगों के लिए एक मजबूत अवसर है जो खुद का व्यवसाय शुरू करने का सपना देख रहे हैं। यह योजना न केवल आर्थिक रूप से उन्हें मजबूती देती है, बल्कि समाज में समावेशिता और समान अवसरों की दिशा में भी एक अहम भूमिका निभाती है।