Electricity price hike: महंगाई की मार झेल रहे प्रदेशवासियों को एक और झटका लगा है। Electricity price hike के कारण बिजली कंपनियों ने 1.24 प्रतिशत बिजली महंगी कर दी है। इसका असर यह होगा कि विद्युत उपभोक्ताओं को अप्रैल महीने में ज्यादा बिजली का बिल चुकाना पड़ेगा।
2025 में बिजली की दरों में यह बढ़ोतरी Electricity price hike के कारण हुई है। विद्युत नियामक आयोग द्वारा बिजली कंपनियों को जनवरी में दिए गए अधिकार के बाद कंपनियों ने इस साल पहली बार फ्यूल सरचार्ज वसूलने का आदेश जारी किया है। अब फ्यूल एंड पावर परचेज एडजस्टमेंट (ईंधन अधिभार) को हर महीने तय किया जाएगा, जिसके कारण बिजली की कीमतें बढ़ रही हैं।
क्या प्रभाव पड़ेगा उपभोक्ताओं पर
Electricity price hike के कारण अब अप्रैल महीने में 3.45 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं से 1.24 प्रतिशत अधिक बिल वसूला जाएगा। इसका मतलब यह है कि अगर किसी उपभोक्ता का मार्च में बिजली का बिल 1000 रुपये था, तो अप्रैल में उन्हें 12.40 रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे। यह अतिरिक्त रकम फ्यूल सरचार्ज के रूप में जोड़ी जाएगी।
क्यों बढ़ी बिजली की कीमत
Electricity price hike की वजह जनवरी में कोयले के खर्च में 78.99 करोड़ रुपये की वृद्धि है। इसी तरह, मई के बिल में फरवरी के कोयले के खर्च को देखते हुए फ्यूल सरचार्ज तय किया जाएगा। सालभर इस प्रक्रिया के चलते बिजली की कीमतों में उतार-चढ़ाव हो सकता है, जो कि उपभोक्ताओं के लिए अतिरिक्त खर्च का कारण बनेगा।
नई रेगुलेशन के तहत, 2025-26 के लिए बिजली की दरों का निर्धारण Electricity price hike के लिए बिजली कंपनियों द्वारा आयोग में दाखिल किए जाने वाले वार्षिक राजस्व आवश्यकता (ARR) से होगा। दो से तीन महीनों में इस प्रक्रिया को पूरा किए जाने के बाद बिजली की दरों में 10 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है।
उपभोक्ताओं का विरोध
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस Electricity price hike का विरोध किया है। क्योंकि Electricity price hike उत्तर प्रदेश राज्य में हुआ है जो प्रदेशवासियों के लिए एक बड़ा झटका माना जा सकता है।
परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि कंपनियों पर 33,122 करोड़ रुपये का सरप्लस होने के कारण फ्यूल सरचार्ज के नाम पर बिजली की कीमतें नहीं बढ़ाई जा सकती हैं। उनका कहना था कि पावर कारपोरेशन को यह सरचार्ज उपभोक्ताओं के सरप्लस से घटाना चाहिए था, लेकिन आयोग ने छूट दे कर गुपचुप तरीके से यह आदेश जारी किया।
निष्कर्ष
इस Electricity price hike से प्रदेशवासियों को अतिरिक्त आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, यह बढ़ोतरी अस्थायी हो सकती है और फ्यूल सरचार्ज के आधार पर हर महीने बिजली की कीमतों में उतार-चढ़ाव हो सकता है।