Canara Bank cuts interest rates का असर अब ग्राहकों को सीधे तौर पर मिलने जा रहा है। बैंक ने अपने Repo Linked Lending Rate (RLLR) को 8.75% से घटाकर 8.25% कर दिया है। यह नई दरें 12 जून 2025 से प्रभावी होंगी। अगर आपका लोन RLLR से जुड़ा है, तो या तो आपकी EMI कम होगी या फिर लोन की अवधि घटेगी।
RLLR में बदलाव का क्या है मतलब
RLLR यानी Repo Linked Lending Rate वह दर होती है जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की रेपो रेट से सीधी जुड़ी होती है। जब RBI रेपो रेट में बदलाव करता है, तो इससे जुड़े लोन की ब्याज दरें भी उसी अनुपात में घटती या बढ़ती हैं। इससे न सिर्फ पारदर्शिता बनी रहती है, बल्कि ग्राहकों को त्वरित लाभ भी मिलता है।
RBI ने लगातार तीसरी बार घटाई रेपो रेट
2025 में यह तीसरी बार है जब RBI ने रेपो रेट में कटौती की है। फरवरी से अब तक कुल 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती की जा चुकी है।
वर्तमान में रेपो रेट 6% से घटाकर 5.50% कर दी गई है। महंगाई में कुछ नरमी के बीच यह फैसला आर्थिक गतिविधियों को गति देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
अन्य बैंकों ने भी घटाए RLLR
Canara Bank के अलावा कई सरकारी और निजी बैंकों ने भी अपने RLLR में कटौती की है।
- PNB और BOI ने अपनी दरें 8.85% से घटाकर 8.35% कर दी हैं।
- Bank of Baroda ने RLLR को 8.65% से घटाकर 8.15% किया है।
- Indian Bank ने इसे 8.70% से 8.20% और UCO Bank ने 8.80% से 8.30% कर दिया है।
- UCO Bank ने सभी अवधियों के MCLR में भी 10 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है।
HDFC सहित निजी बैंक भी पीछे नहीं
निजी क्षेत्र के HDFC Bank ने भी अपनी MCLR दरों में 10 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। अब HDFC की एक साल की MCLR 8.90% हो गई है। इससे होम लोन, पर्सनल लोन और SME लोन लेना सस्ता हो जाएगा।
EMI में राहत और नए लोन की संभावना
Canara Bank cuts interest rates जैसी पहल से ग्राहकों को EMI में राहत मिलेगी। इससे मासिक बजट सुधरेगा और नए लोन लेने की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। सरकारी बैंकों ने जो शुरुआत की है, अब निजी बैंक भी उसी राह पर चलने लगे हैं।
निष्कर्ष
जब Canara Bank cuts interest rates जैसी घोषणाएं होती हैं, तो इसका लाभ सीधे आम जनता तक पहुंचता है। यह न सिर्फ लोन लेने को आसान बनाता है, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी गति देता है।