Ration Card Closed: राजस्थान सरकार ने ‘गिवअप अभियान’ के तहत 13.58 लाख लोगों को खाद्य सुरक्षा योजना से बाहर कर दिया है। ये वे लोग हैं जो अब आर्थिक रूप से सक्षम हो चुके हैं और सरकारी अनाज की जरूरत नहीं रखते। इससे सरकार को 246 करोड़ रुपये का वित्तीय भार कम करने में मदद मिली है।
विधानसभा में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य वास्तविक जरूरतमंदों को योजना से जोड़ना है।
जो लोग पहले पात्र होते हुए भी शामिल नहीं हो पाए थे अब उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। इसके लिए ई-केवाईसी की अंतिम तिथि 31 मार्च तय की गई है जिसके बाद कोई नया आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
300 नई उचित मूल्य की दुकानें खुलेंगी
राज्य सरकार ने उचित मूल्य की दुकानों का नेटवर्क बढ़ाने के लिए 300 नई राशन दुकानें खोलने का निर्णय लिया है। साथ ही जिन दुकानों का लाइसेंस रद्द हो गया था उनकी जगह अगले छह महीनों में नई दुकानें स्थापित की जाएंगी।
इसके अलावा 5000 राशन दुकानों को ‘अन्नपूर्णा भंडार’ के रूप में विकसित किया जाएगा जहां अनाज के साथ अन्य जरूरी वस्तुएं भी उपलब्ध होंगी।
‘गिवअप अभियान’ से हुआ फायदा
इस अभियान का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि जो लोग पहले गरीबी रेखा से ऊपर आ चुके थे वे खुद इस योजना से हट गए। इससे सरकार अब उन परिवारों को जोड़ने में सक्षम होगी जो वास्तव में इस सहायता के हकदार हैं।
राज्य सरकार ने उन लोगों की दिक्कत को देखते हुए जो लंबे समय से योजना में नाम जुड़वाने का इंतजार कर रहे थे 26 जनवरी से नया पोर्टल खोल दिया है। अब तक करीब 10 लाख नए आवेदन प्राप्त हो चुके हैं जिससे अधिक से अधिक जरूरतमंदों को जोड़ा जा सकेगा।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) को 2013 में लागू किया गया था ताकि निम्न आय वर्ग के परिवारों को गुणवत्तापूर्ण अनाज सस्ती दरों पर उपलब्ध कराया जा सके। इस योजना के तहत प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम अनाज प्रति माह दिया जाता है जो राशन कार्ड धारकों को मिलता है।
सरकार की पहल से लाखों को मिलेगा फायदा
इस अभियान के तहत हटाए गए सक्षम लोगों की जगह अब उन गरीब और जरूरतमंद परिवारों को शामिल किया जाएगा जिनके लिए यह योजना बनी थी। इससे लाखों नए लोगों को खाद्य सुरक्षा का लाभ मिलेगा और राज्य में खाद्य आपूर्ति प्रणाली अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनेगी।