Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति, सूर्य उपासना और फसल कटाई का प्रमुख त्योहार, इस वर्ष 14 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा। यह पर्व सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने और उत्तरायण की शुरुआत का प्रतीक है, जो शुभ कार्यों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

मकर संक्रांति कब है?
पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा, जिससे उत्तरायण प्रारंभ होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस अवधि में किए गए स्नान, दान और अन्य धार्मिक कार्यों का विशेष महत्व होता है।
स्नान और दान का महत्व
मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है, जिससे पापों से मुक्ति और पुण्य की प्राप्ति होती है। स्नान का शुभ मुहूर्त 14 जनवरी की सुबह से दोपहर तक रहेगा। स्नान के पश्चात तिल, गुड़, खिचड़ी और अन्य वस्तुओं का दान करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
मकर संक्रांति 2025 के शुभ मुहूर्त का समय
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:27 बजे से 06:21 बजे तक
प्रातः सन्ध्या: सुबह 05:54 बजे से 07:15 बजे तक
अमृत काल: सुबह 07:55 बजे से 09:29 बजे, 15 जनवरी को तड़के 04:01 बजे से 05:38 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:09 बजे से 12:51 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:15 बजे से 02:57 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त: शाम 05:43 बजे से 06:10 बजे तक
सायाह्न सन्ध्या: शाम 05:46 बजे से 07:06 बजे तक
निशिता मुहूर्त: देर रात 12:03 बजे से 12:57 बजे तक
पर्व की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता
मकर संक्रांति सूर्य उपासना का पर्व है, जो जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का संचार करता है। इस दिन तिल और गुड़ से बने व्यंजनों का सेवन और वितरण किया जाता है, जो सामाजिक समरसता और प्रेम का प्रतीक है। इसके अतिरिक्त, विभिन्न क्षेत्रों में पतंगबाजी, लोकगीत और नृत्य जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जो इस पर्व की रौनक को बढ़ाते हैं।
अतः, मकर संक्रांति 2025 में 14 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन स्नान, दान और सूर्य उपासना के माध्यम से आध्यात्मिक लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। साथ ही, पारंपरिक व्यंजनों और सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से सामाजिक संबंधों को मजबूत किया जा सकता है।