How to prove Indian Citizenship: भारत में इन दिनों नागरिकता को लेकर फिर से बहस छिड़ गई है। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए हैं और देशभर में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान करने के लिए अभियान तेज कर दिया गया है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है भारत में नागरिकता साबित करने का असली दस्तावेज क्या है?
Aadhaar, PAN, राशन कार्ड नहीं हैं नागरिकता के प्रमाण
भारत सरकार भले ही आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी और पासपोर्ट जैसे कई पहचान पत्र जारी करती हो, लेकिन इन सभी में से अधिकांश केवल पहचान का साधन हैं, नागरिकता का नहीं।
Aadhaar Card:
UIDAI द्वारा जारी किया जाने वाला आधार कार्ड महज एक पहचान दस्तावेज है। यह किसी भी भारत में रहने वाले व्यक्ति (चाहे वह नागरिक हो या नहीं) को जारी किया जा सकता है। UIDAI साफ कर चुका है कि Aadhaar भारतीय नागरिकता का प्रमाण नहीं है।
PAN Card:
आयकर विभाग द्वारा जारी पैन कार्ड टैक्स से जुड़ी जानकारी देने के लिए होता है। इसे कई विदेशी नागरिक भी भारत में व्यापार करने के लिए प्राप्त कर सकते हैं। इसका मतलब यह भी है कि यह नागरिकता का सबूत नहीं हो सकता।
Ration Card:
राशन कार्ड राज्य सरकार द्वारा गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को सब्सिडी वाले राशन की सुविधा के लिए दिया जाता है। लेकिन यह भी नागरिकता का कानूनी प्रमाण नहीं माना जाता।
पासपोर्ट और वोटर ID ही हैं वैध सबूत
केंद्र सरकार ने अब दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए हैं कि जिन लोगों पर विदेशी नागरिक होने का संदेह हो, उनसे केवल दो दस्तावेज – वोटर आईडी या पासपोर्ट ही मांगे जाएं।
पासपोर्ट विदेश मंत्रालय द्वारा केवल भारतीय नागरिकों को ही जारी किया जाता है, इसलिए यह नागरिकता का सबसे आधिकारिक दस्तावेज है। वहीं वोटर ID भी केवल भारत के नागरिकों को ही प्रदान की जाती है।
दिल्ली पुलिस की सख्ती, अवैध विदेशियों की तलाश तेज
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, बीते साल अक्टूबर से चल रहे सत्यापन अभियान के दौरान कई ऐसे बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिक सामने आए जिन्होंने आधार, राशन कार्ड और पैन कार्ड जैसे दस्तावेज दिखाकर खुद को भारतीय नागरिक बताने की कोशिश की। यहां तक कि कई लोगों के पास UNHCR (संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी) द्वारा जारी कार्ड भी मिले।
अब पुलिस ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ऐसे मामलों में केवल वोटर कार्ड या भारतीय पासपोर्ट को ही नागरिकता प्रमाण के तौर पर स्वीकार किया जाए।
पाकिस्तानियों पर भी कार्रवाई
दिल्ली में रह रहे करीब 3500 पाकिस्तानी नागरिकों में से 520 मुस्लिम बताए जाते हैं, जिनमें से अब तक 400 से अधिक लोग अटारी बॉर्डर के जरिए वापस पाकिस्तान लौट चुके हैं।
केंद्र सरकार ने हाल ही में फैसला किया है कि अब केवल मेडिकल, डिप्लोमैटिक या Long Term Visa (LTV) वालों को ही छूट दी जाएगी।
सरकार का कहना है कि जो हिन्दू पाकिस्तानी नागरिक पहले से LTV पर भारत में रह रहे हैं, उनका वीजा रद्द नहीं किया जाएगा, लेकिन मेडिकल वीजा की मान्यता भी 29 अप्रैल के बाद खत्म मानी जाएगी।
नागरिकता कानून क्या कहता है
भारत में नागरिकता का निर्धारण मुख्य रूप से Indian Citizenship Act, 1955 के तहत होता है। भारत दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं देता। यानी अगर कोई भारतीय नागरिक किसी दूसरे देश की नागरिकता स्वीकार करता है तो उसे भारतीय नागरिकता त्यागनी होती है।
निष्कर्ष
इस पूरे मामले का सार यही है कि भले ही आपके पास आधार, पैन या राशन कार्ड जैसे दस्तावेज हों, वे आपकी नागरिकता के कानूनी सबूत नहीं हैं। अगर आपको कभी अपनी भारतीय नागरिकता साबित करनी पड़े, तो आपके पास वोटर ID या पासपोर्ट होना अनिवार्य है।