Home Loan EMI: आज के समय में घर, कार या पर्सनल जरूरतों के लिए लोन लेना आम हो गया है। अब किसी भी चीज़ की खरीदी पर लोग बैंक से लोन लेते है और उस लोन पर EMI करवाते है।
EMI करवाने के बाद ग्राहक को कुछ किश्तों में अपनी लोन चुकानी होती है। लोन लेने पर बैंक सालाना इस पर कुछ ब्याज भी लेती है। लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल यह है की आखिरकार इस EMI का कैलक्युलेशन कैसा होता है।
अधिकतर लोग EMI तो ले लेते है लेकिन EMI का गणित नही समझ पाते है। यदि आपको भी EMI गणित में दिक्कत आ रही है तो आइये आसान फार्मूला से समझ लेते है।
Home Loan EMI Calculation
जब आप लोन की EMI चुकाते हैं तो उसमें प्रिंसिपल अमाउंट (मुख्य राशि) और ब्याज दोनों शामिल होते हैं। HDFC बैंक की वेबसाइट के अनुसार EMI एक विशेष फॉर्मूले के तहत तय की जाती है जो कुछ प्रकार होगी।
EMI = [P x R x (1+R)^N] / [(1+R)^N – 1] जहाँ P लोन की मूल राशि, N लोन की अवधि (महीनों में) और R मासिक ब्याज दर होती है।
मासिक ब्याज दर की गणना इस फॉर्मूले से होती है। R = वार्षिक ब्याज दर / (12 × 100)।
उदाहरण के लिए अगर ब्याज दर 7.2% प्रति वर्ष है तो R = 7.2 / (12 × 100) = 0.006 होगी।
- P = लोन की मूल राशि (Principal Amount)
- N = लोन की अवधि (महीनों में)
- R = मासिक ब्याज दर (Monthly Interest Rate)
उदाहरण से समझिए
अगर कोई व्यक्ति 10,00,000 रूपये का लोन 10 साल (120 महीने) के लिए 7.2% वार्षिक ब्याज दर पर लेता है तो उसकी मासिक EMI इस फॉर्मूले से तय होगी।
EMI = 10,00,000 रूपये × 0.006 × (1 + 0.006)¹²⁰ / [(1 + 0।006)¹²⁰ – 1]। इस गणना के अनुसार व्यक्ति को हर महीने 11,714 रूपये की EMI चुकानी होगी।
यदि आप अपनी EMI को आसानी से कैलकुलेट करना चाहते हैं तो ऑनलाइन EMI कैलकुलेटर का उपयोग करके तुरंत सही अनुमान लगा सकते हैं जिससे लोन प्लानिंग करना आसान हो जाएगा।
जितना लंबा टेन्योर उतना ज्यादा ब्याज
अधिकतर लोग EMI की अमाउंट कम रखने के लिए लंबे अवधि की लोन लेते है। लेकिन इसमें ग्राहकों को बैंक को ज्यादा ब्याज देना पड़ता है।
यदि आप छोटा टेन्योर करवाते है तो ज्यादा EMI अमाउंट होगी लेकिन आपका ब्याज काफी हद तक कम हो जायेगा। लेकिन लोग अपनी सुविधा अनुसार टेन्योर का चुनाव कर सकते है।