BOB Home Loan: आज के समय में हर किसी का सपना होता है अपना खुद का घर खरीदना लेकिन पैसों की कमी के कारण यह सपना अधूरा रह जाता है। अब यह चिंता की बात नहीं रही क्योंकि बैंक ऑफ बड़ौदा आपके सपनों को हकीकत में बदलने में मदद कर रहा है।
बैंक ऑफ बड़ौदा से होम लोन लेना अब पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है। आकर्षक ब्याज दरों और सुविधाजनक ईएमआई विकल्पों के साथ आप बिना किसी झिझक के अपने घर का सपना पूरा कर सकते हैं।
अगर आप यहां से लोन लेते हैं तो आपकी ईएमआई आपकी जरूरत और लोन राशि के हिसाब से तय की जाती है जिससे भुगतान करना आसान हो जाता है। यदि आप बैंक ऑफ बड़ौदा से होम लोन लेते है तो कितनी EMI बनेगी आइये आसान भाषा में जान लेते है।
बैंक ऑफ बड़ौदा होम लोन पर ब्याज दर
अगर आप अपने सपनों का घर खरीदने की योजना बना रहे हैं और इसके लिए फाइनेंस की जरूरत है तो बैंक ऑफ बड़ौदा से होम लोन लेना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। बैंक आकर्षक ब्याज दरों और सुविधाजनक शर्तों के साथ लोन प्रदान करता है जो आपके होम ओनरशिप के सपने को साकार कर सकता है।
बैंक ऑफ बड़ौदा की होम लोन ब्याज दरें आमतौर पर 8.40% तक जा सकती हैं। हालांकि यह दर पूरी तरह से आपके क्रेडिट स्कोर (CIBIL स्कोर) पर निर्भर करती है। यदि आपका सिबिल स्कोर अच्छा है तो आपको कम ब्याज दर पर लोन मिलने की संभावना ज्यादा होती है जिससे आपकी ईएमआई में भी कमी आएगी।
60 लाख रुपये के होम लोन के लिए शर्तें
यदि आप बैंक से 60 लाख रुपये का होम लोन लेना चाहते हैं तो बैंक की शर्तों के अनुसार आपको घर की कुल कीमत का 10% डाउन पेमेंट के रूप में जमा करना होगा।
इस राशि का मतलब है कि आपको पहले 6 लाख रुपये का भुगतान स्वयं करना पड़ेगा। डाउन पेमेंट के बाद बैंक आपको शेष 54 लाख रुपये का लोन प्रदान करेगा।
कितनी बनेगी मंथली EMI
अगर आप 54 लाख रुपये का होम लोन 30 साल की अवधि के लिए लेते हैं तो हर महीने आपकी ईएमआई 41,139 रुपये बनेगी। यानी पूरे 30 साल तक लगातार यह राशि चुकाने पर आप बैंक को कुल 1,48,10,124 रुपये वापस करेंगे। इसमें से सिर्फ मूलधन ही नहीं बल्कि करीब 94,10,124 रुपये का ब्याज भी शामिल होगा।
अगर आप 54 लाख रुपये का होम लोन 15 साल की अवधि के लिए लेते हैं तो आपकी मासिक EMI लगभग 52,944 रुपये होगी। इस अवधि में लगातार 15 साल तक यह रकम चुकाने पर आपको बैंक को कुल 95,29,920 रुपये लौटाने होंगे। इसमें मूलधन के अलावा करीब 41,29,920 रुपये का ब्याज भी शामिल होगा।
15 साल की अवधि चुनने से ब्याज पर लगने वाला अतिरिक्त बोझ काफी हद तक कम हो जाता है क्योंकि कम समय में लोन चुकाने से ब्याज की राशि कम लगती है। लेकिन इसमें आपको EMI अमाउंट ज्यादा चुकानी पड़ेगी।