Earthquake in Delhi: दिल्ली-एनसीआर में भूकंप से दहशत 280 से अधिक लोगों ने महसूस किया झटका

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Earthquake in Delhi: दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सोमवार की सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। सुबह 5:36 बजे आए इस भूकंप ने क्षेत्रवासियों को चौंका दिया। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार इस भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई।

हालांकि भूकंप के दौरान किसी प्रकार के बड़े नुकसान की सूचना नहीं मिली है लेकिन यह घटनाएँ लोगों को सतर्क करने के लिए पर्याप्त होती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भूकंप की तीव्रता मामूली होने के बावजूद दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में ऐसे झटके कभी भी गंभीर स्थिति पैदा कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने सभी से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और स्थिति पर नज़र रखें।

पीएम ने लोगों से किया यह आग्रह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए अधिकारियों से हालात पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया और साथ ही उन्होंने जनता से शांत रहने की अपील की है।

इस भूकंप के बाद अधिकारियों ने बचाव कार्य शुरू कर दिया है और नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे शांति बनाए रखें और सुरक्षात्मक उपायों का पालन करें।

दिल्ली के नांगलोई में रहा भूकंप का केंद्र

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सोमवार भूकंप के झटकों ने लोगों को चौंका दिया। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) ने पुष्टि की कि भूकंप का केंद्र राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के नजदीक था। 

अमेरिकी संस्था यूएसजीएस (USGS) ने भी इस भूकंप की पुष्टि करते हुए जानकारी दी कि सुबह के समय 280 से ज्यादा लोगों ने भूकंप के झटकों का अनुभव किया।

भूकंप के बाद जब धरती में हलचल महसूस हुई तो सिस्मोलॉजिस्ट द्वारा इसकी पुष्टि भी की गई। इस घटना ने दिल्ली-एनसीआर में रह रहे लोगों में डर और चिंता का माहौल बना दिया। विशेषज्ञों के अनुसार भूकंप की तीव्रता और इसके प्रभावों का सही आंकलन समय के साथ किया जाएगा लेकिन अब तक इस झटके से किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं आई है।

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क्यों आता है भूकंप

भूकंप तब होता है जब पृथ्वी के अंदर की परतों में अचानक हलचल होती है। पृथ्वी की चार प्रमुख परतें हैं इनर कोर, आउटर कोर, मेंटल और क्रस्ट। इन परतों के नीचे धरती की विशाल प्लेटें लगातार घूमती रहती हैं।

जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं या अपनी जगह से खिसक जाती हैं तो पृथ्वी की सतह पर कंपन उत्पन्न होता है जिसे हम भूकंप के झटकों के रूप में महसूस करते हैं।

भूकंप की तीव्रता अगर ज्यादा होती है तो इसके प्रभाव दूर-दूर तक महसूस किए जा सकते हैं। जैसे ही प्लेट्स अपनी स्थिति बदलती हैं पृथ्वी के अंदर ऊर्जा का संचार होता है जो अचानक बाहर निकलने पर भूकंप का कारण बनता है।

इन प्लेटों की हलचल और टकराव से पृथ्वी के भीतर होने वाली गड़बड़ी ही भूकंप का कारण बनती है।

Jitendra Saini

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