Daily vs Monthly SIP: रोज़ाना निवेश से बनेगा मोटा पैसा या महीने में एक बार निवेश से, जानिए एक्सपर्ट्स की राय

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Daily vs Monthly SIP: सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP निवेश का एक ऐसा तरीका है, जो छोटे-छोटे अमाउंट को समय के साथ बड़ी रकम में बदलने की क्षमता रखता है। 

लेकिन अक्सर निवेशकों के मन में ये सवाल उठता है कि Daily vs Monthly SIP में कौन-सा विकल्प ज्यादा फायदेमंद है? क्या रोज़ाना निवेश करने से बेहतर रिटर्न मिलता है या महीने में एक बार किया गया निवेश ज्यादा असरदार होता है?

इस सवाल का जवाब समझने के लिए हमने एक्सपर्ट्स की राय और डेटा स्टडीज़ का विश्लेषण किया है।

SIP की सफलता का राज

FinEdge के को-फाउंडर और COO मयंक भटनागर का मानना है कि SIP में असली सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आप किस मकसद से निवेश कर रहे हैं, कहां निवेश कर रहे हैं और कितनी ईमानदारी से टिके हुए हैं। 

उनके अनुसार निवेश की फ्रीक्वेंसी (Daily या Monthly) का असर सीमित होता है। असली फर्क तब आता है जब आप उतार-चढ़ाव के बावजूद अपने प्लान से जुड़े रहते हैं।

Weekly या Daily SIP की जटिलता

कई निवेशक ये मानते हैं कि वीकली या डेली SIP करने से उन्हें ज्यादा एंट्री पॉइंट मिलते हैं और बाजार की वोलैटिलिटी (उतार-चढ़ाव) में औसत लागत कम हो सकती है। 

लेकिन मयंक भटनागर की राय में इससे अक्सर लोग अपने बड़े लक्ष्य से भटक जाते हैं और रणनीति की जगह सिर्फ तकनीकी गणना में उलझ जाते हैं।

भटनागर कहते हैं कि वीकली या डेली SIP से बहुत सारे ट्रांजैक्शन हो जाते हैं जिन्हें ट्रैक करना मुश्किल होता है, खासकर तब जब आपके पास कोई स्पष्ट निवेश रणनीति नहीं हो।

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Monthly SIP: सरल और असरदार विकल्प

डेटा बताता है कि लंबे समय के लिए Monthly SIP ही ज्यादा कारगर विकल्प है। उदाहरण के तौर पर अगर कोई निवेशक 15 वर्षों तक हर महीने ₹20,000 SIP में निवेश करे और 12% के अनुमानित सालाना रिटर्न के आधार पर देखें, तो उसका फंड ₹1.25 करोड़ से भी अधिक हो सकता है।

इससे साबित होता है कि Daily vs Monthly SIP में असली ताकत फ्रीक्वेंसी में नहीं, बल्कि अनुशासन और दीर्घकालिक सोच में है।

डेली SIP का कन्फ्यूजन

ClearTax की एक स्टडी के मुताबिक, डेली SIP में कॉस्ट एवरेजिंग (Cost Averaging) थोड़ा बेहतर हो सकती है, लेकिन 5 से 10 साल के समय में डेली, वीकली और मंथली SIP के रिटर्न में ज्यादा फर्क नहीं होता।

इसका मतलब यह है कि अगर आप सिर्फ ज्यादा बार निवेश करने की सोच से SIP चुनते हैं, तो हो सकता है आपको वही फायदा न मिले जिसकी आपने उम्मीद की थी।

निवेश का मूल मंत्र

भटनागर की सलाह बिल्कुल स्पष्ट है “फ्रीक्वेंसी सिर्फ एक तकनीकी पहलू है। असली रणनीति है – अपने फाइनेंशियल गोल्स पर टिके रहना, नियमित रूप से निवेश करना और बाजार की गिरावट से घबराकर गलत निर्णय न लेना।”

कौन-सी SIP बेहतर है

Daily vs Monthly SIP के बीच तुलना में अगर आप निवेश को सरल, सुव्यवस्थित और लॉन्ग टर्म फोकस के साथ करना चाहते हैं, तो Monthly SIP एक ज्यादा प्रभावी और व्यावहारिक विकल्प है।

अगर आपका उद्देश्य एक मजबूत फाइनेंशियल फाउंडेशन बनाना है, तो रणनीति और अनुशासन सबसे अहम हैं, न कि निवेश कितनी बार किया गया।

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अगर आप भी SIP के ज़रिए अपने भविष्य को सुरक्षित बनाना चाहते हैं, तो आज ही प्लानिंग शुरू कीजिए। याद रखिए, सही समय और सही रणनीति ही असली संपत्ति बनाती है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। इसमें निवेश की सलाह नहीं दी जा रही है। किसी भी निवेश से पहले योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।

Jitendra Saini

My name is Jitendra Saini, I'm a blogger since 2019. I'm a expert Writer and Researcher in various fields like Govt Jobs, Govt Schemes, Trending aspects of society. I have worked on so many websites as a Content writer like NaukriHelp, Appno rojgar, Rojgar Bulletin etc. I always try to Deliver best and true information to my Audience.

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