RBI New guidelines: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS) को और सुरक्षित बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
इन RBI New guidelines के तहत बैंकों को अब AEPS टचपॉइंट ऑपरेटर्स (ATO) की सख्त जांच-पड़ताल करनी होगी ताकि सिस्टम में धोखाधड़ी की संभावनाओं को कम किया जा सके।
एईपीएस ऑपरेटर्स के लिए सख्त जांच जरूरी
नए निर्देशों के अनुसार अब बैंकों को किसी भी AEPS ऑपरेटर को जोड़ने से पहले उसकी पूरी तरह से जांच करनी होगी। यह जांच बिल्कुल वैसी ही होगी जैसी कोई बैंक नया ग्राहक जोड़ते समय करता है।
अगर कोई ऑपरेटर पहले से ही किसी बैंक का व्यवसाय उप-एजेंट रह चुका है और उसका सत्यापन हो चुका है तो उसे दोबारा जांच की जरूरत नहीं होगी। RBI New guidelines के मुताबिक ये नियम 1 जनवरी से लागू होंगे।

तीन महीने तक निष्क्रिय रहने पर होगा केवाईसी
इन दिशा-निर्देशों में यह भी साफ किया गया है कि अगर कोई AEPS ऑपरेटर लगातार तीन महीने तक निष्क्रिय रहता है तो बैंक को उसका केवाईसी दोबारा सत्यापित करना होगा।
इसके बाद ही वह आगे लेनदेन कर सकेगा। इससे बैंकिंग नेटवर्क में सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत जुड़ जाएगी और ग्राहकों का भरोसा भी बना रहेगा।
धोखाधड़ी से बचाने के लिए कड़े कदम
RBI ने साफ कहा है कि हाल ही में AEPS के जरिए धोखाधड़ी और पहचान की चोरी की घटनाएं सामने आई हैं। खासतौर पर उन लोगों के लिए जो अंगूठा लगाकर पैसे निकालते हैं, उनके लिए RBI New guidelines से सुरक्षा बढ़ेगी।
नए नियमों का मकसद ग्राहकों की पहचान को सुरक्षित रखना और बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता बनाए रखना है।
समय-समय पर होगा मापदंडों का पुनरावलोकन
RBI ने अपनी अधिसूचना में कहा कि ये निर्देश भुगतान एवं निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 की धारा 10(2) और धारा 18 के तहत लागू किए गए हैं।
साथ ही यह भी बताया गया कि AEPS ऑपरेटर्स से जुड़ी सभी परिचालन शर्तों की समय-समय पर समीक्षा होती रहेगी ताकि जरूरत पड़ने पर और सुधार किए जा सकें।