Personal Loan EMI Planning: आज के समय में Personal Loan लेना कई बार ज़रूरी बन जाता है चाहे बात मेडिकल इमरजेंसी की हो, शादी की हो या किसी अन्य अचानक आई ज़रूरत की।
लेकिन जब कोई Personal Loan लेने का फैसला करता है, तो सबसे अहम सवाल होता है कि कितनी अवधि के लिए लोन लिया जाए और EMI की योजना कैसे बनाई जाए।
EMI कम चाहिए तो बढ़ाएं लोन की अवधि
Personal Loan EMI Planning के तहत सबसे पहले लोन की अवधि (tenure) तय करना अहम होता है, क्योंकि यही आपकी मासिक किस्त यानी EMI को तय करता है। अगर आप लंबी अवधि का लोन लेते हैं, तो EMI कम बनती है। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई व्यक्ति ₹3 लाख का लोन 11% सालाना ब्याज दर पर लेता है:
- 2 साल के टेन्योर पर EMI ₹13,983 होगी
- 3 साल पर घटकर ₹9,821
- 4 साल में ₹7,754
- और 5 साल में EMI ₹6,522 तक पहुंच जाती है
यानी EMI कम करनी हो तो टेन्योर बढ़ाना एक रास्ता है।
पर EMI घटाने की कीमत ब्याज में चुकानी पड़ती है
हालांकि लंबी अवधि में EMI भले ही कम हो, लेकिन कुल मिलाकर आपको ब्याज ज्यादा देना पड़ता है। ऊपर के उदाहरण में:
- 2 साल में कुल ब्याज ₹35,592
- 5 साल में ब्याज बढ़कर ₹91,320
यानी Personal Loan EMI Planning में EMI कम करने के चक्कर में ब्याज में ₹55,728 ज्यादा चुकाना पड़ सकता है।
लोन अवधि | मासिक EMI | कुल भुगतान | कुल ब्याज |
2 साल | ₹13,983 | ₹3,35,592 | ₹35,592 |
3 साल | ₹9,821 | ₹3,53,556 | ₹53,556 |
4 साल | ₹7,754 | ₹3,72,192 | ₹72,192 |
5 साल | ₹6,522 | ₹3,91,320 | ₹91,320 |
नोट: ये कैलकुलेशन 11% ब्याज दर पर ₹3 लाख लोन के लिए है। अलग बैंक या क्रेडिट स्कोर के हिसाब से ब्याज दरों में बदलाव संभव है।
जल्दी लोन चुकाना है तो EMI बढ़ाएं
अगर आप कम समय में लोन खत्म करना चाहते हैं, तो EMI बढ़ाकर ऐसा किया जा सकता है। मान लीजिए ₹7 लाख का लोन लेना है:
- 4 साल में EMI होगी ₹18,092
- 2 साल में बढ़कर ₹32,621
- 18 महीने में EMI हो जाएगी ₹42,444
ज्यादा EMI से ब्याज कम देना पड़ता है, लेकिन मासिक बजट पर दबाव बढ़ता है।
क्या जल्दी लोन चुकाने पर जुर्माना लगता है
अगर आप तय अवधि से पहले Personal Loan चुका देना चाहते हैं, तो बैंक प्रीपेमेंट चार्ज ले सकता है, जो बकाया लोन का 2% से 4% तक हो सकता है। इस पर GST भी लागू होता है। इसलिए लोन लेने से पहले सभी शर्तें अच्छी तरह पढ़ लें।
एक्सपर्ट क्या सलाह देते हैं
वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि Personal Loan EMI Planning करते समय अपनी मासिक आय और खर्चों को ध्यान में रखते हुए EMI तय करें।
EMI कैलकुलेटर का उपयोग कर पहले से गणना करना बेहतर होता है। अगर मुमकिन हो तो प्रीपेमेंट का विकल्प खुला रखें, जिससे ब्याज की बचत की जा सके।
निष्कर्ष: Personal Loan EMI Planning करते समय न सिर्फ EMI को देखना जरूरी है, बल्कि यह भी समझना जरूरी है कि कम EMI के लिए आप कितनी ज्यादा ब्याज दे रहे हैं। ऐसे में संतुलित योजना और समझदारी भरा फैसला आपकी आर्थिक सेहत को बेहतर बना सकता है।