Land Registry New Rules: सरकार ने लाल डोरा क्षेत्रों में स्थित संपत्तियों के लिए नए भूमि पंजीकरण नियम (Land Registry New Rules) लागू किए हैं, जिससे इन संपत्तियों के मालिकों को कानूनी मान्यता और मालिकाना हक प्राप्त होगा।
इन नए नियमों से कही लोगों का फायेदा होने वाला है और साथ ही लोगो का नुकशान भी. आइये जानते है इने नियमों के बारे में अच्छे से जाने:
लाल डोरा क्या है?
लाल डोरा उन ग्रामीण क्षेत्रों को संदर्भित करता है, जो गांव की आबादी के लिए आरक्षित होते हैं और जहां भवन निर्माण और अन्य गतिविधियाँ बिना किसी कानूनी बाधा के की जाती हैं। हालांकि, इन क्षेत्रों में संपत्तियों के स्वामित्व को लेकर कानूनी मान्यता की कमी थी, जिससे मालिकों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता था।
लैंड रजिस्टरी के नए नियमों से जुड़े प्रमुख बिंदु
डिजिटल पंजीकरण प्रक्रिया: अब लाल डोरा संपत्तियों की पंजीकरण प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल होगी, जिससे पारदर्शिता और दक्षता में वृद्धि होगी।
आधार कार्ड से लिंकिंग: संपत्ति पंजीकरण को आधार कार्ड से जोड़ना अनिवार्य किया गया है, जिससे फर्जीवाड़े की संभावनाएं कम होंगी और स्वामित्व का सत्यापन आसान होगा।
वीडियो रिकॉर्डिंग: पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान खरीदार और विक्रेता के बयानों की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी, जो भविष्य में किसी भी विवाद की स्थिति में साक्ष्य के रूप में कार्य करेगी।
ऑनलाइन शुल्क भुगतान: पंजीकरण शुल्क और स्टांप ड्यूटी का भुगतान अब ऑनलाइन माध्यम से किया जाएगा, जिससे प्रक्रिया सरल और तेज होगी।
लैंड रजिस्टरी नए नियमों के लाभ
कानूनी मान्यता: लाल डोरा संपत्तियों को कानूनी मान्यता मिलने से मालिकों को अपने संपत्ति अधिकारों की सुरक्षा मिलेगी।
पारदर्शिता में वृद्धि: डिजिटल और बायोमेट्रिक प्रणाली के माध्यम से पंजीकरण प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और फर्जीवाड़े की संभावनाएं कम होंगी।
समय और लागत की बचत: ऑनलाइन प्रक्रिया से समय की बचत होगी और कागजी कार्यवाही में कमी आएगी, जिससे लागत में भी कमी आएगी।
कैसे करें पंजीकरण?
- सरकारी पंजीकरण पोर्टल पर लॉगिन करें।
- आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें और आधार कार्ड से लिंक करें।
- बायोमेट्रिक सत्यापन और वीडियो रिकॉर्डिंग प्रक्रिया पूरी करें।
- ऑनलाइन माध्यम से शुल्क का भुगतान करें।
इन नए नियमों के लागू होने से लाल डोरा क्षेत्रों में संपत्ति मालिकों को अपने स्वामित्व अधिकारों की कानूनी मान्यता मिलेगी, जिससे वे अपनी संपत्तियों का बेहतर उपयोग और विकास कर सकेंगे।