HDFC MCLR Rate Update: अगर आपने HDFC बैंक से लोन लिया हुआ है और हर महीने EMI भर रहे हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। बैंक ने अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में कटौती की घोषणा की है जिससे आपकी मासिक किस्तों में राहत मिलेगी।
बैंक ने 5 बेसिस पॉइंट की कमी की है जिससे होम लोन, कार लोन और एजुकेशन लोन लेने वाले ग्राहकों को बड़ा फायदा मिलेगा।
EMI पर कम होगा बोझ नई दरें लागू
HDFC बैंक द्वारा MCLR दरों में की गई इस कटौती से लोन धारकों को राहत मिलेगी। यह नई दरें 7 मार्च से प्रभावी हो चुकी हैं। इस बदलाव के बाद अब HDFC बैंक की MCLR दरें 9.20% से 9.45% के बीच होंगी।
2 साल की MCLR अब घटकर 9.40% हो गई है जो पहले 9.45% थी।
1 महीने, 3 महीने, 6 महीने और 1 साल की MCLR दरों में बैंक द्वारा कोई बदलाव नहीं किया गया है और ये क्रमशः 9.20%, 9.30%, 9.40%, और 9.40% बनी रहने वाली है।
3 साल की MCLR दर में भी बदलाव नहीकिया गया है जो 9.45% पर स्थिर रखा गया है।
बेस रेट और बेंचमार्क PLR दरों में बदलाव
HDFC बैंक ने पिछले साल नवंबर में अपने बेस रेट को 9.45% कर दिया था। वहीं बैंक का बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (BPLR) 9 सितंबर 2024 से 17.95% कर दिया गया था।
होम लोन की ब्याज दरें
HDFC बैंक के होम लोन की ब्याज दरें अब रेपो रेट से जुड़ी हुई हैं और लोन की पूरी अवधि के दौरान इनमें बदलाव संभव है।
- बैंक के स्टैंडर्ड होम लोन रेट्स 9.40% से 9.95% तक हैं।
- स्पेशल रेट्स 8.70% से 9.55% के बीच उपलब्ध हैं।
- ये नई दरें 7 मार्च 2025 से लागू हो चुकी हैं।
रेपो रेट में बदलाव का असर
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने फरवरी में अपनी मौद्रिक नीति बैठक के दौरान रेपो रेट में बदलाव किया था। इसे 6.50% से घटाकर 6.25% कर दिया गया था। HDFC बैंक की होम लोन दरें रेपो रेट से जुड़ी हुई हैं इसलिए भविष्य में रेपो रेट में होने वाले किसी भी बदलाव का असर लोन की ब्याज दरों पर पड़ेगा।
क्या करें मौजूदा लोन ग्राहक
अगर आपने पहले ही HDFC बैंक से लोन ले रखा है तो यह बदलाव आपके लिए राहतभरा साबित हो सकता है। आप अपने लोन की ब्याज दरों की समीक्षा कर सकते हैं और बैंक से संपर्क कर अपने EMI में संभावित कटौती के बारे में जानकारी ले सकते हैं। अगर आप नया लोन लेने की योजना बना रहे हैं तो यह समय आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
HDFC बैंक की इस नई दर कटौती से लाखों लोन धारकों को राहत मिलेगी। होम लोन, कार लोन और अन्य लोन की ब्याज दरों में कटौती से EMI कम होगी और आपकी वित्तीय योजनाओं को मजबूती मिलेगी।