CBSE APAAR ID Update: सीबीएससी का नया आदेश अब से स्कूलों में छात्रों की मुख्य पहचान बनेगी अपार आईडी, जानिए पूरा आदेश

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CBSE APAAR ID Update: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने अपने सभी संबद्ध स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे छात्रों के लिए अपार आईडी (APAAR ID) बनवाएं और इसे स्कूलों में छात्रों की मुख्य पहचान के रूप में लागू करें। 

बोर्ड ने अपार आईडी के क्रियान्वयन के लिए छह चरणों की प्रक्रिया निर्धारित की है और इसकी निगरानी के लिए अपार आईडी मॉनिटरिंग (AIM) नामक एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी पेश किया है। साथ ही, स्कूलों की सहायता के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800-889-3511 भी शुरू किया गया है। 

अपार आईडी क्या है?

अपार आईडी (Automated Permanent Academic Account Registry) एक 12 अंकों की यूनिक आईडी है, जो प्रत्येक छात्र को जारी की जाएगी। इस आईडी में छात्र का नाम, लिंग, जन्मतिथि, पता, माता-पिता का नाम, फोटो, शैक्षणिक यात्रा, मार्कशीट, सर्टिफिकेट, डिग्री, डिप्लोमा, प्रमाण पत्र, कैरेक्टर सर्टिफिकेट, स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट, खेल प्रतियोगिताओं में सहभागिता, स्कॉलरशिप, अवॉर्ड्स, स्किल ट्रेनिंग, एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज, ओलिंपियाड में सहभागिता जैसी जानकारियाँ शामिल होंगी। 

अपार आईडी के लाभ

शैक्षणिक रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण: छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों और उपलब्धियों का डिजिटल रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा, जिससे फर्जी दस्तावेजों की संभावना कम होगी।

प्रवेश परीक्षाओं में सुविधा: जेईई मेन, नीट, सीयूईटी जैसी प्रवेश परीक्षाओं में छात्रों की पहचान और वेरिफिकेशन की प्रक्रिया आसान होगी।

सरकारी योजनाओं का लाभ: छात्रवृत्ति, एजुकेशन लोन, सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे छात्रों तक पहुंचाना संभव होगा।

ड्रॉपआउट छात्रों की निगरानी: ड्रॉपआउट छात्रों की निगरानी कर उन्हें मुख्यधारा में वापस लाने में मदद मिलेगी।

आधार कार्ड से कैसे अलग है अपार आईडी?

जहाँ आधार कार्ड नागरिकों की पहचान और पते का प्रमाण है, वहीं अपार आईडी छात्रों की शैक्षणिक यात्रा का विस्तृत विवरण प्रदान करती है। आधार कार्ड में बायोमेट्रिक जानकारी होती है, जबकि अपार आईडी में शैक्षणिक और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों की जानकारी शामिल होती है। 

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अपार आईडी लागू करने के छह चरण

पीटीएम आयोजित करना: अभिभावकों और छात्रों को अपार आईडी के महत्व और लाभों के बारे में जानकारी देना।
सहमति फॉर्म का वितरण और संग्रह: अभिभावकों से सहमति फॉर्म भरवाकर आधार विवरण के उपयोग की अनुमति लेना।

छात्र डेटा सत्यापन: यूडीआईएसई+ पोर्टल पर छात्रों के विवरण की सटीकता की पुष्टि करना।

अपार आईडी जनरेशन: यूडीआईएसई+ पोर्टल के माध्यम से अपार आईडी जनरेट करना और इसे छात्रों के डिजिलॉकर अकाउंट से लिंक करना।

वितरण और एकीकरण: छात्रों और अभिभावकों को अपार आईडी प्रदान करना।

त्रुटियों का निवारण: गलतियों की स्थिति में अभिभावकों को सुधार के लिए कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) पर भेजना।

सीबीएसई का यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और डिजिटल इंडिया अभियान के तहत छात्रों की शैक्षणिक पहचान को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। 

Jitendra Saini

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