Bank Khabar: देशभर में बैंकिंग सिस्टम को सुरक्षित और मजबूत बनाने की दिशा में बैंकों ने एक बड़ा प्रस्ताव तैयार किया है। अब फर्जी अकाउंट्स और अवैध ट्रांजैक्शनों पर लगाम लगाने के लिए बैंक अपने अधिकारों में वृद्धि की मांग कर रहे हैं।
Bank Khabar से मिली जानकारी के मुताबिक बैंकों ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से आग्रह किया है कि उन्हें ऐसे खातों को सीधे जब्त करने की अनुमति दी जाए जो साइबर क्राइम में लिप्त पाए जाएं।
अवैध ट्रांजैक्शन में संलिप्त खातों पर त्वरित कार्रवाई की मांग
बैंक एसोसिएशन का कहना है कि साइबर क्राइम से जुड़ी गतिविधियों में शामिल खातों पर त्वरित कार्रवाई करना जरूरी है, लेकिन वर्तमान में उन्हें कानून प्रवर्तन एजेंसियों (LEA) या अदालतों की मंजूरी मिलने में काफी समय लग जाता है।
इस कारण न केवल बैंकिंग सिस्टम को नुकसान होता है, बल्कि ग्राहकों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ती है।
फिलहाल धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत बैंकों को कोर्ट या LEA की इजाजत के बिना किसी भी ग्राहक का खाता जब्त करने की अनुमति नहीं है, चाहे वह व्यक्ति साइबर अपराध में संलिप्त क्यों न हो।
इंडियन बैंक एसोसिएशन ने RBI को भेजा सुझाव
इंडियन बैंक एसोसिएशन (IBA) के वर्किंग ग्रुप ने अपनी रिपोर्ट में यह मुद्दा उठाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि RBI को इस विषय पर विचार करना चाहिए और बैंकों को सीमित परिस्थितियों में ऐसे खातों को फ्रीज़ करने की अनुमति देनी चाहिए।
रिपोर्ट के अनुसार, हर साल हजारों फर्जी अकाउंट्स के जरिए साइबर ठग बैंकिंग सिस्टम को निशाना बनाते हैं। हालांकि बैंक इन खातों को जब्त करते हैं, लेकिन ठग जल्दी ही नए अकाउंट खोल लेते हैं और ठगी का सिलसिला जारी रहता है।
फर्जी खातों की रोकथाम के लिए तकनीक का सहारा
Bank Khabar के अनुसार, रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि बैंकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग जैसे आधुनिक तकनीकी उपायों को ट्रांजैक्शन मॉनिटरिंग सिस्टम से जोड़ना चाहिए। इससे संदिग्ध गतिविधियों की पहचान और रोकथाम समय पर की जा सकेगी।
वर्किंग ग्रुप ने यह भी कहा कि बैंकिंग स्टाफ को ट्रेनिंग देने, टेक्नोलॉजी में निवेश करने और सभी संबंधित संस्थानों के बीच बेहतर सहयोग से देश का वित्तीय ढांचा और भी सुरक्षित बनाया जा सकता है।
पैन नंबर न होने पर वोटर आईडी से वेरिफिकेशन का प्रस्ताव
फर्जी खातों को रोकने के लिए बैंकों ने एक और महत्वपूर्ण सुझाव दिया है। अगर किसी ग्राहक के पास पैन कार्ड नहीं है और वह वोटर आईडी और फॉर्म 60 के जरिए खाता खोलता है, तो ऐसे मामलों में इलेक्शन कमीशन के डेटा का इस्तेमाल कर वेरिफिकेशन करने की बात कही गई है। साथ ही, ऐसे खातों में ट्रांजैक्शन की संख्या पर सीमा तय करने का भी प्रस्ताव रखा गया है।
निष्कर्ष
बैंकिंग सिस्टम को सुरक्षित बनाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। यदि RBI बैंकों को इस संबंध में अधिकार देता है, तो साइबर ठगी पर लगाम लगाना और फर्जी अकाउंट्स को रोकना आसान हो जाएगा।
यह Bank Khabar न केवल बैंकिंग सेक्टर के लिए अहम है, बल्कि आम ग्राहकों की सुरक्षा की दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।