ATM New Rules: देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने ग्राहकों के लिए ATM transaction New rules लागू किए हैं। यदि आपका खाता भी एसबीआई में है तो आपको इन नए नियमों की जानकारी होना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह सीधे तौर पर आपके महीनेभर के एटीएम उपयोग पर असर डाल सकते हैं।
हर महीने कितने ट्रांजैक्शन होंगे फ्री
SBI ने अपने ग्राहकों के लिए फ्री एटीएम ट्रांजैक्शन की संख्या में संशोधन किया है। अब ग्राहक, चाहे मेट्रो शहर में रहते हों या नॉन-मेट्रो इलाके में, हर महीने SBI ATM से 10 बार और अन्य बैंक के ATM से 5 बार मुफ्त लेनदेन कर सकते हैं।
अगर आपके सेविंग अकाउंट में औसत मासिक बैलेंस (AMB) ₹25,000 से ₹1,00,000 के बीच है तो आपको यही लिमिट लागू होगी। वहीं अगर आपका औसत मासिक बैलेंस ₹1,00,000 से अधिक है तो आप SBI और अन्य बैंक के ATM से अनलिमिटेड फ्री ट्रांजैक्शन का लाभ ले सकते हैं। यानी निकासी की कोई सीमा नहीं होगी।
ATM New Rules के तहत बढ़े सर्विस चार्ज
यदि आप अपनी निर्धारित फ्री ट्रांजैक्शन सीमा से अधिक एटीएम का इस्तेमाल करते हैं तो आपको नए सर्विस चार्ज देने होंगे। SBI के मुताबिक:
- SBI ATM पर फ्री लिमिट के बाद ट्रांजैक्शन करने पर ₹15 + GST
- अन्य बैंक के ATM से ट्रांजैक्शन करने पर ₹21 + GST
- बैलेंस इन्क्वायरी और मिनी स्टेटमेंट जैसी सुविधाएं SBI ATM पर फ्री रहेंगी, लेकिन
अन्य बैंक के ATM से इन सेवाओं पर ₹10 + GST चार्ज लिया जाएगा।
लेनदेन फेल होने पर भी लगेगा चार्ज
अगर आपके खाते में पर्याप्त बैलेंस नहीं होने के कारण एटीएम ट्रांजैक्शन फेल हो जाता है, तो भी अब आपको जेब ढीली करनी होगी। ऐसे मामलों में ₹20 + GST का जुर्माना लगेगा।
इसके साथ ही SBI ने घोषणा की है कि 1 मई 2025 से, यदि कोई ग्राहक अपनी मुफ्त मासिक सीमा पार करता है तो उसे हर अतिरिक्त निकासी पर ₹23 का शुल्क देना होगा।
नए नियम क्यों हैं जरूरी
SBI का कहना है कि इन नए बदलावों का उद्देश्य डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देना और ट्रांजैक्शन को सुव्यवस्थित करना है। ATM transaction New rules के माध्यम से बैंक अपने ग्राहकों को उनके उपयोग की आदतों के अनुसार अलग-अलग सुविधाएं और शुल्क संरचना प्रदान करना चाहता है।
अगर आप SBI ग्राहक हैं तो आपको अपने मासिक औसत बैलेंस और ट्रांजैक्शन की संख्या पर खास ध्यान देना होगा, ताकि ATM transaction New rules के तहत लगने वाले अतिरिक्त शुल्क से बचा जा सके। समय रहते जागरूक होना ही समझदारी है।