Defense Mutual Funds: पिछले कुछ महीनों में Defense Mutual Funds ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न से चौंका दिया है। सिर्फ तीन महीनों में इन फंड्स ने औसतन 57.70% तक का रिटर्न दिया है।
खासकर Motilal Oswal Nifty India Defence ETF और Index Fund ने 60% से अधिक रिटर्न देकर निवेशकों को जबरदस्त फायदा पहुंचाया है। वहीं HDFC Defence Fund जैसे एक्टिव फंड ने भी 45.93% रिटर्न के साथ अच्छा प्रदर्शन किया।
क्या कारण रहा रिटर्न में तेजी का?
विशेषज्ञों के मुताबिक डिफेंस कंपनियों की मजबूत कमाई, सरकार द्वारा डिफेंस बजट में बढ़ोतरी, और भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट में उछाल इस तेजी की मुख्य वजहें हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार ने डिफेंस पर ₹1.72 लाख करोड़ खर्च करने का ऐलान किया है।
साथ ही FY24 में भारत का डिफेंस निर्यात ₹21,083 करोड़ तक पहुंच गया है। इसके अलावा वैश्विक स्तर पर सैन्य खर्चों में बढ़ोतरी और भारत-पाक सीमा पर हालिया तनाव ने भी इस सेक्टर को तेजी दी है।
जोखिम भी कम नहीं
हालांकि Defense Mutual Funds ने शानदार रिटर्न दिए हैं, लेकिन विशेषज्ञ अब सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं। Scripbox के अतुल शिंगल के अनुसार, मौजूदा वैल्यूएशन काफी ऊंचे हैं।
उदाहरण के लिए, Motilal Oswal Nifty India Defence Index का P/E रेशियो 61.35x और P/B रेशियो 13.22x तक पहुंच गया है, जो यह दर्शाता है कि भविष्य की ग्रोथ पहले से ही कीमतों में शामिल हो चुकी है।
क्या अब निवेश करना समझदारी होगी?
अगर आप पहले से इन फंड्स में निवेश कर चुके हैं, तो विशेषज्ञों का मानना है कि आपको अपने रिटर्न पर धीरे-धीरे मुनाफा बुक करते रहना चाहिए। नए निवेशकों को फिलहाल लंप-सम इन्वेस्टमेंट से बचने की सलाह दी जा रही है।
SIP के ज़रिए निवेश तभी करें जब मार्केट में 10–15% की गिरावट आए। कुल मिलाकर, डिफेंस सेक्टर में पोर्टफोलियो का 2–4% से अधिक एक्सपोजर नहीं होना चाहिए।
क्या थीमैटिक फंड्स सभी के लिए हैं?
नीलेश डी नाइक के अनुसार, Defense Mutual Funds जैसे थीमैटिक फंड्स खासतौर पर उन निवेशकों के लिए होते हैं जो पहले से एक मजबूत पोर्टफोलियो बना चुके हैं और किसी एक सेक्टर पर रणनीतिक दांव लगाना चाहते हैं। ऐसे फंड्स में निवेश करते समय जोखिम और मौजूदा वैल्यूएशन को अच्छी तरह से समझना बेहद ज़रूरी है।
नतीजा: इंतजार करें या कदम बढ़ाएं?
भले ही एक हफ्ते में कुछ ETF ने 17% तक का रिटर्न दिया हो, लेकिन अतुल शिंगल जैसे विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा वैल्यूएशन पर नया निवेश जोखिम भरा हो सकता है।
इसलिए, सतर्क रहना जरूरी है। मुनाफा बुक करें, गिरावट का इंतजार करें और सही मौके पर दोबारा निवेश करें।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई किसी भी जानकारी को निवेश सलाह के रूप में न लें। किसी भी फंड या स्कीम में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें। बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है।