Rajasthan New District Canceled and CET News: राजस्थान सरकार ने मुख्यमंत्री भजनलाल के नेतृत्व में शनिवार को सीएमओ में हुई कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के प्रशासनिक ढांचे को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इस बैठक में राजस्थान में गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए 9 नए जिलों को रद्द करने की घोषणा की गई है। इसके अलावा, तीन संभागों को भी समाप्त कर दिया गया है।
राजस्थान में दुदू सहित 9 जिले हुए रद्द
राजस्थान में अब कुल 9 जिलों का अस्तित्व समाप्त हो गया है। ये जिले थे: दूदू, केकड़ी, जोधपुर ग्रामीण, शाहपुरा, नीमकाथाना, अनूपगढ़, गंगापुर सिटी, जयपुर ग्रामीण और सांचौर। इन जिलों के रद्द होने के बाद अब राजस्थान में कुल 41 जिले रह जाएंगे। भजनलाल सरकार ने इसे प्रशासनिक और वित्तीय दृष्टिकोण से जरूरी निर्णय बताया है।
संभागों का पुनः निर्धारण
कैबिनेट बैठक में तीन संभागों को समाप्त करने का भी निर्णय लिया गया। सीकर, पाली और बांसवाड़ा संभागों को निरस्त किया गया, जिसके बाद राज्य में अब केवल 7 संभाग ही रहेंगे।
नए जिलों और संभागों के रद्द होने की वजह
कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि चुनावों से पहले नए जिलों और संभागों का गठन किया गया था, लेकिन वे व्यवहारिक दृष्टि से प्रभावी नहीं थे। कई नए जिलों में 6-7 तहसीलें भी नहीं थीं और इन जिलों की आवश्यकता की समीक्षा नहीं की गई थी। इसके अलावा, इन जिलों के लिए ना तो नए पदों का सृजन हुआ था, ना ही आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया था।
मंत्री पटेल ने बताया कि इन जिलों का अस्तित्व राजस्थान के लिए अतिरिक्त वित्तीय भार था और एक समीक्षा समिति ने पाया कि इन जिलों का कोई व्यावहारिक उपयोग नहीं था। इसलिए इनका रद्द किया जाना जरूरी था।
सीईटी की वैधता बढ़ी
इसके अलावा, कैबिनेट ने एक अन्य महत्वपूर्ण फैसला लिया है, जिसके तहत समान पात्रता परीक्षा (CET) की वैधता अब तीन साल कर दी गई है। पहले यह वैधता केवल एक साल की होती थी, लेकिन अब सीईटी का स्कोर कार्ड तीन साल तक मान्य रहेगा, जिससे छात्रों को और अभ्यर्थियों को एक बड़ी राहत मिली है।
कैबिनेट मीटिंग में लिए गये अन्य फैसले
इसके अलावा, भजनलाल सरकार ने कुछ अन्य अहम फैसले भी लिए हैं। इनमें शामिल हैं:
- 2025 तक 1 लाख बेरोजगारों को नौकरी देने का लक्ष्य।
- किसी भी सरकारी योजना के नए लाभार्थियों के नाम जोड़ने की प्रक्रिया।
- समान पात्रता परीक्षा की पुनरावृत्ति से मुक्ति, अब एक बार परीक्षा देने के बाद तीन साल तक परिणाम मान्य होंगे।
- पशुधन सहायकों के पदनाम परिवर्तन और पदोन्नति के अवसरों की वृद्धि।
समाप्ति और सृजन के बीच एक नया संतुलन
राजस्थान सरकार के इन फैसलों से यह स्पष्ट है कि प्रशासनिक और वित्तीय दृष्टिकोण से संतुलन बनाए रखने के लिए सरकार ने पुराने निर्णयों की समीक्षा की है। नए जिलों और संभागों को निरस्त करके, भजनलाल सरकार ने राज्य के संसाधनों का अधिकतम और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने का प्रयास किया है।
निष्कर्ष
राजस्थान में 9 नए जिलों और तीन संभागों के रद्द होने के बाद राज्य का प्रशासनिक ढांचा एक बार फिर से पुनः व्यवस्थित किया जा रहा है। इससे सरकारी संसाधनों की बचत होगी और प्रशासनिक कार्यों की गति भी बेहतर होगी। साथ ही, सीईटी की वैधता में वृद्धि छात्रों और अभ्यर्थियों के लिए सकारात्मक बदलाव साबित हो सकती है।