Personal Loan vs Two-Wheeler Loan: आजकल टू-व्हीलर लोन की मांग काफी तेजी से बढ़ी है खासकर युवाओं में जो अपनी शौक को पूरा करने के लिए महंगी बाइक खरीदने का मन बना रहे हैं। इसके लिए वह बैंकों से लोन ले रहे हैं और बैंकों के लिए भी यह एक आकर्षक अवसर है क्योंकि ज्यादातर लोन लेने वाले नौकरीपेशा होते हैं।
जब आप नई बाइक खरीदने का सोचते हैं तो एक बड़ा सवाल यह होता है कि आपको पर्सनल लोन लेना चाहिए या टू-व्हीलर लोन। दोनों ही लोन आपके लिए सुविधाजनक हो सकते हैं लेकिन उनके फायदे और नुकसान अलग-अलग हैं। आइए जानते हैं कि कौन सा लोन आपके लिए सबसे अच्छा रहेगा।
पर्सनल लोन क्या होता है
पर्सनल लोन एक प्रकार का बिना किसी सुरक्षा के लोन होता है। इसमें आपको कोई भी संपत्ति जैसे घर या कार गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती है। इसके लिए बैंक या फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन आपकी क्रेडिट हिस्ट्री, आय और लोन चुकाने की क्षमता के आधार पर लोन अप्रूव करते हैं।
पर्सनल लोन के फायदे
पर्सनल लोन लेने के कुछ फायदे है जो कुछ प्रकार होगे।
- फ्लक्सिबल उपयोग: पर्सनल लोन से आप किसी भी उद्देश्य के लिए पैसा ले सकते हैं। यह केवल बाइक खरीदने तक सीमित नहीं होता।
- न कोई गारंटी या सिक्योरिटी: पर्सनल लोन के लिए आपको किसी संपत्ति को गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती।
- कम समय में अप्रूवल: पर्सनल लोन का अप्रूवल समय आमतौर पर जल्दी होता है।
पर्सनल लोन के नुकसान
पर्सनल लोन के कुछ नुकसान इस प्रकार होगे।
- उच्च ब्याज दर: पर्सनल लोन की ब्याज दर आमतौर पर टू-व्हीलर लोन की तुलना में ज्यादा होती है जो इसे महंगा बना सकता है।
- कम लोन राशि: पर्सनल लोन बिना सुरक्षा मिलता है इसलिए आपको उतना बड़ा लोन नहीं मिल सकता जितना टू-व्हीलर लोन में मिलता है।
- ब्याजदर: बैंक पर्सनल लोन पर सालाना 10।50% से 24% तक ब्याजदर वसूल करती है जो की टू व्हीलर लोन से ज्यादा हो सकता है।
टू-व्हीलर लोन क्या होता है
टू-व्हीलर लोन खासतौर पर बाइक और स्कूटर जैसी टू-व्हीलर गाड़ियों के लिए होता है। यह लोन आपको खास तौर पर वाहन की खरीदारी के लिए मिलता है और इसे गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती लेकिन बाइक खुद ही लोन का सुरक्षा प्रदान करती है।
टू-व्हीलर लोन के फायदे
- कम ब्याज दर: टू-व्हीलर लोन में ब्याज दर पर्सनल लोन के मुकाबले बहुत कम होती है जिससे यह सस्ता पड़ता है।
- स्पेसिफिक पर्पस: क्योंकि यह बाइक खरीदने के लिए होता है लोन की राशि भी आपकी बाइक की कीमत के हिसाब से निर्धारित होती है जिससे आपको उतनी ही राशि मिलती है जितनी जरूरी होती है।
- लोन चुकाने की आसान प्रक्रिया: टू-व्हीलर लोन की चुकाने की अवधि भी बेहतर होती है और इसे आसानी से चुकाया जा सकता है।
टू-व्हीलर लोन के नुकसान
- संपत्ति से जुड़ा जोखिम: टू-व्हीलर लोन में आपकी बाइक को गारंटी के तौर पर लिया जाता है। अगर आप लोन चुकाने में असफल रहते हैं तो बैंक आपकी बाइक को जब्त कर सकता है।
- काफी प्रॉसेसिंग टाइम: कभी-कभी टू-व्हीलर लोन की अप्रूवल प्रक्रिया लंबी हो सकती है खासकर अगर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री सही नहीं है।
दोनों में से कौनसा लोन लेना बेहतर
अब यह पूरी तरह आपके लिए है कि आप पर्सनल लोन या टू-व्हीलर लोन में से कौन सा विकल्प चुनें। अगर आपको एक फ्लेक्सिबल लोन चाहिए और आपके पास अच्छा क्रेडिट स्कोर है तो पर्सनल लोन आपके लिए सही हो सकता है।
लेकिन यदि आप बाइक खरीदने के लिए किफायती लोन चाहते हैं, तो टू-व्हीलर लोन एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है, क्योंकि इसमें कम ब्याज दर होती है और यह वाहन की सुरक्षा प्रदान करता है।