Jaipur-Kishangarh Highway: जयपुर से किशनगढ़ के बीच छह लेन नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ती जा रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की राजस्थान इकाई ने एक ट्रैफिक सर्वे में पाया कि मौजूदा हाईवे बढ़ते यातायात के दबाव को संभालने में असमर्थ है। इसी कारण, हाईवे के विस्तार की योजना बनाई जा रही है।
एनएचएआई स्थानीय और राष्ट्रीय ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इन प्रस्तावों को जल्द ही दिल्ली मुख्यालय भेजा जाएगा, जहां से स्वीकृति मिलने के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा।
क्यों जरूरी है हाईवे का विस्तार?
वर्तमान में जयपुर-किशनगढ़ हाईवे पर हर दिन लगभग एक लाख पैसेंजर कार यूनिट (PCU) का ट्रैफिक दर्ज किया जा रहा है। भारतीय सड़क निर्माण नियमों के अनुसार, 60,000 से 1,00,000 पीसीयू की क्षमता वाली सड़कों को न्यूनतम आठ लेन का होना चाहिए ताकि ट्रैफिक सुचारू रूप से चल सके। इसी को ध्यान में रखते हुए छह लेन हाईवे को आठ लेन तक विस्तारित करने की योजना बनाई जा रही है।
नया नेशनल हाईवे भी प्रस्तावित
एनएचएआई एक नए नेशनल हाईवे की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) भी तैयार कर रहा है। यह हाईवे जयपुर रिंग रोड के पास बालावाला से शुरू होकर किशनगढ़, अजमेर और जोधपुर होते हुए पचपदरा तक जाएगा।
करीब 350 किलोमीटर लंबा यह हाई-स्पीड कोरिडोर होगा। पहले इसे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जोड़ने की योजना थी, लेकिन बाद में इसे जयपुर से शुरू करने का निर्णय लिया गया।
दो बड़े प्रस्ताव
छह लेन एक्सप्रेसवे: जयपुर से किशनगढ़ के बीच 93 किलोमीटर लंबा नियंत्रित एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। इसके साथ ही स्थानीय लोगो के लिए अलग से सर्विस लेन का भी नर्माण होगी, जिससे जाम की समस्या नहीं होगी।
आठ लेन हाईवे: वर्तमान हाईवे को छह से बढ़ाकर आठ लेन का किया जाएगा। साथ ही, स्थानीय ट्रैफिक के लिए अलग से सर्विस लेन बनाई जाएगी, जिससे ट्रैफिक कम होगा और लोग बिना ट्रैफिक में फसे अपना यात्रा कर पाएंगे।