Home Loan Rate 8% or Below: 2025 में घर खरीदने की चाह रखने वालों के लिए राहत की खबर है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीतियों के चलते Home loan rate 8% or below की श्रेणी में आ चुके हैं। यानी अब होम लोन पहले की तुलना में सस्ते हो गए हैं और मासिक किस्त (EMI) का बोझ भी कम होगा।
RBI ने घटाया रेपो रेट, होम लोन हुआ सस्ता
इस साल यानी 2025 में RBI ने दो बार रेपो रेट में कटौती की है। कुल 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती के बाद रेपो रेट 6.5% से घटकर 6% पर आ गया है।
फरवरी 2025 से शुरू हुई यह कटौती ऐसे समय में आई है जब मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच लगातार रेपो रेट बढ़ाया गया था और उसके बाद इसे स्थिर रखा गया था। अब जब रेपो रेट में कटौती की गई है, तो इसका सीधा फायदा होम लोन लेने वालों को मिल रहा है।
10 बैंक दे रहे हैं Home loan rate 8% or below
ET Wealth Online के मुताबिक, देश के टॉप 10 बैंक अब पात्र ग्राहकों को Home loan rate 8% or below पर लोन दे रहे हैं। ये ब्याज दरें फ्लोटिंग रेट पर आधारित हैं, जो कि बाजार की परिस्थितियों और बैंक की नीतियों के अनुसार समय-समय पर बदल सकती हैं।
इन बैंकों की ब्याज दरें 8% या उससे भी कम हैं, जो पहली बार घर खरीदने वालों और रीफाइनेंसिंग की सोच रहे लोगों के लिए बेहतरीन अवसर हो सकता है।
30 लाख रुपये के लोन पर EMI में भारी राहत
अगर आप 30 लाख रुपये का होम लोन 20 साल के लिए लेते हैं और ब्याज दर 7.9% है, तो आपकी मासिक EMI करीब 25,000 रुपये के आसपास होगी। इसी लोन पर अगर ब्याज दर पहले 9% या उससे अधिक होती, तो EMI करीब 27,000 रुपये तक जाती। ऐसे में कुल ब्याज भुगतान में भी लाखों रुपये की बचत हो सकती है।
किन्हें मिलेगा फायदा?
यह ब्याज दरें केवल उन्हीं ग्राहकों पर लागू होती हैं जो बैंक के मानदंडों को पूरा करते हैं। इसमें अच्छा क्रेडिट स्कोर, स्थायी आय का स्रोत, और कम जोखिम प्रोफाइल जैसी बातें शामिल होती हैं।
हालांकि, ब्याज दरें फिक्स नहीं होतीं और ये आर्थिक हालातों, RBI की भविष्य की नीतियों और बैंक की आंतरिक रणनीतियों के अनुसार बदल सकती हैं।
निष्कर्ष: घर खरीदने का सुनहरा मौका
अगर आप अपने सपनों का घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह समय सबसे उपयुक्त हो सकता है। RBI की रेपो रेट में कटौती और बैंकों द्वारा Home loan rate 8% or below पर लोन देने की पेशकश इसे और भी आकर्षक बना रही है। सही बैंक और प्लानिंग के साथ आप लंबे समय में भारी बचत कर सकते हैं और EMI का बोझ भी कम रहेगा।