Amazon Charge: अगर आप भी अक्सर Amazon से ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो अगली बार ऑर्डर करने से पहले एक छोटी सी बात जरूर नोट करें। अब हर ऑर्डर पर आपको ₹5 का Amazon Charge यानी एक फ्लैट प्लेटफॉर्म शुल्क देना होगा।
यह बदलाव भले ही छोटा लगे लेकिन ई-कॉमर्स इंडस्ट्री में एक बड़ा ट्रेंड बनता जा रहा है जहां हर कंपनी अब ऑर्डर के साथ एक फिक्स्ड चार्ज जोड़ रही है।
क्या है Amazon Charge और क्यों लगाया गया है ये शुल्क
Amazon India ने घोषणा की है कि अब सभी कस्टमर ऑर्डर्स पर ₹5 का फ्लैट प्लेटफॉर्म शुल्क लिया जाएगा। कंपनी का कहना है कि इस शुल्क से उनके ऑपरेशनल खर्चों को सपोर्ट किया जाएगा और कस्टमर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाया जा सकेगा।
Amazon ने अपने ब्लॉग में लिखा “यह फ्लैट शुल्क सभी ग्राहकों पर लागू होगा और इसका मकसद एक सहज और बेहतर शॉपिंग अनुभव को बनाए रखना है।”
इससे पहले Flipkart, Swiggy, Zomato और Zepto जैसी कंपनियां पहले ही अपने ग्राहकों से प्लेटफॉर्म फीस लेना शुरू कर चुकी हैं। अब Amazon भी उसी राह पर चल पड़ा है।
कहां-कहां लिया जाता है प्लेटफॉर्म चार्ज
- Flipkart: ₹3 तक का प्लेटफॉर्म शुल्क (₹10,000 तक के ऑर्डर पर)
- Flipkart Minutes: ₹9 प्रति ऑर्डर
- Myntra: ₹20 प्रति ऑर्डर
- Swiggy, Zomato, Blinkit, Zepto: ₹4 से ₹30 तक का शुल्क लोकेशन के अनुसार
इस तरह देखा जाए तो Amazon Charge वास्तव में इस समय का एक इंडस्ट्री ट्रेंड बन चुका है।
किस पर लागू होगा नया Amazon Charge
यह ₹5 का शुल्क Amazon Prime सदस्यों पर भी लागू होगा। यानी अगर आप प्राइम मेंबर हैं और फ्री डिलीवरी की सुविधा का आनंद लेते हैं तब भी अब से हर ऑर्डर पर ₹5 अलग से देना होगा।
हालांकि कुछ सेवाएं और प्रोडक्ट्स इस शुल्क से छूटे हुए हैं:
Amazon Now, Amazon Business और Amazon Bazaar पर यह शुल्क नहीं लगेगा।
गिफ्ट कार्ड, मोबाइल रिचार्ज और बिल पेमेंट्स जैसी डिजिटल कैटेगरी पर भी यह शुल्क लागू नहीं होगा।
Cash on Delivery पर भी चार्ज
Amazon के अनुसार फिलहाल Pay-on-Delivery और कुछ प्रीपेड ऑर्डर्स (जिन पर अन्य शुल्क जैसे ऑफर प्रोसेसिंग या एक्सचेंज फीस लागू होते हैं) पर यह प्लेटफॉर्म शुल्क अलग से नहीं दिखेगा। हालांकि यह अन्य शुल्कों के साथ जुड़कर आ सकता है आंशिक रूप से या पूरी तरह से।
क्यों लिया जा रहा है यह शुल्क
विशेषज्ञों का मानना है कि यह नया शुल्क कंपनियों के लिए रेवेन्यू बढ़ाने का एक अहम जरिया बन चुका है। जैसा कि एक मार्केट एक्सपर्ट ने कहा “आज के दौर में लोग सुविधा के लिए थोड़ा प्रीमियम देने को तैयार हैं। क्विक कॉमर्स की तेजी ने यह साफ कर दिया है कि ग्राहक फास्ट सर्विस के लिए थोड़ा ज्यादा खर्च करने से नहीं हिचकते।”
Amazon ने भी इस चलन को अपनाते हुए अपनी नई सर्विस Amazon Now लॉन्च की है ताकि वो Zepto और Blinkit जैसी कंपनियों से मुकाबला कर सके।
Amazon की नई रणनीति क्विक डिलीवरी पर फोकस
Amazon ने यह भी साफ किया है कि अब वह ऑर्डर डिलीवरी की स्पीड को तेज करने पर खास ध्यान दे रहा है।
- अधिकतर कैटेगरीज में 24 घंटे के अंदर डिलीवरी संभव हो चुकी है।
- Amazon Fresh जैसे प्लेटफॉर्म पर 2 घंटे के अंदर ग्रॉसरी डिलीवरी दी जा रही है।
इससे यह साफ है कि Amazon अब सिर्फ प्रोडक्ट्स ही नहीं, बल्कि “सर्विस स्पीड” को भी अपनी यूएसपी बना रहा है।
ग्राहकों के लिए इसका क्या मतलब है
एक आम ग्राहक के लिए यह चार्ज शायद छोटा लगे लेकिन जब आप महीने में कई बार ऑर्डर करते हैं तो यह राशि जोड़कर एक अच्छा-खासा खर्च बन सकती है। उदाहरण के लिए अगर आप महीने में 10 बार Amazon से ऑर्डर करते हैं तो ₹50 सिर्फ प्लेटफॉर्म फीस के रूप में चुकानी पड़ेगी।
इसके बावजूद अगर Amazon समय पर और बेहतर सर्विस दे रहा है तो यह शुल्क कुछ ग्राहकों को जायज भी लग सकता है।
निष्कर्ष: क्या Amazon Charge ग्राहकों के लिए फायदेमंद है
₹5 का Amazon Charge भले ही कम राशि हो लेकिन यह एक संकेत है कि ई-कॉमर्स कंपनियां अब लाभप्रदता की ओर बढ़ रही हैं। ग्राहकों को अब शॉपिंग के साथ-साथ प्लेटफॉर्म फीस जैसे नए खर्चों के लिए भी तैयार रहना होगा।
अगर आपको Amazon की सर्विस, डिलीवरी और भरोसेमंद एक्सपीरियंस पसंद है तो यह छोटा शुल्क बड़ी परेशानी नहीं बनना चाहिए। लेकिन बार-बार ऑर्डर करने वालों को अपने खर्चों पर थोड़ा ध्यान जरूर देना होगा।