New AI Tool: टिकटोक की मूल कंपनी बाइटडांस ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्र में एक नया एआई टूल पेश किया है, जो उपयोगकर्ताओं को केवल एक फोटो से यथार्थवादी वीडियो बनाने की सुविधा देता है।
इस टूल को “जेनरेटिव विज़ुअल टेक्नोलॉजी” (जीवीटी) नाम दिया गया है, और यह डिजिटल क्रिएटिविटी को एक नए स्तर पर ले जाने का वादा करता है।
कैसे काम करता है यह नया एआई टूल?
इस नए एआई टूल की खासियत यह है कि यह एक स्थिर छवि को विश्लेषित करके उसमें गति, भावनाएं और आवाज जोड़ सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आप किसी व्यक्ति की फोटो अपलोड करते हैं, तो यह टूल उसे हंसते, बोलते या सिर हिलाते हुए दिखा सकता है। यह तकनीक “डीप लर्निंग” और “न्यूरल नेटवर्क्स” पर आधारित है, जो डेटा के पैटर्न को समझकर वीडियो को प्राकृतिक बनाती है।
क्रिएटर्स और व्यवसायों के लिए क्रांतिकारी बदलाव
इस नए एआई टूल का उपयोग सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर्स, डिजिटल मार्केटर्स और फिल्म निर्माताओं के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। अब वे कम समय और संसाधनों में हाई-क्वालिटी वीडियो तैयार कर सकते हैं।
टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट राहुल मेहता के अनुसार, “यह टूल क्रिएटिव इंडस्ट्री में गेम-चेंजर साबित होगा, खासकर उन लोगों के लिए जिनके पास प्रोफेशनल एडिटिंग स्किल्स नहीं हैं।”
सुरक्षा और गलत इस्तेमाल को लेकर चिंताएं
हालांकि, इस नए एआई टूल ने डीपफेक और गलत जानकारी फैलाने को लेकर चिंताएं भी बढ़ाई हैं। बाइटडांस ने जवाब में कहा है कि वह इस टूल पर सख्त निगरानी रखेगी और उपयोगकर्ताओं की पहचान सत्यापित करेगी। साथ ही, वीडियो बनाते समय एक वॉटरमार्क जोड़ा जाएगा, ताकि एआई से बने कंटेंट को आसानी से पहचाना जा सके।
भविष्य की संभावनाएं
बाइटडांस का यह नया एआई टूल अभी बीटा टेस्टिंग के चरण में है और इसे जल्द ही टिकटोक और अन्य प्लेटफॉर्म्स के साथ इंटीग्रेट किया जाएगा। कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि भविष्य में इस टूल को शिक्षा, ई-कॉमर्स और हेल्थकेयर जैसे क्षेत्रों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
निष्कर्ष
यह नया एआई टूल न केवल डिजिटल क्रिएटिविटी को सरल बनाएगा, बल्कि यह एआई तकनीक के नए युग की शुरुआत का संकेत भी देता है। हालांकि, इसके जिम्मेदार इस्तेमाल को सुनिश्चित करना समाज और टेक कंपनियों दोनों की साझा जिम्मेदारी होगी।