Morgan Stanley ने भारतीय शेयर बाजार को लेकर एक बार फिर से बुलिश (तेजी) रुख अपनाया है। कंपनी का मानना है कि सितंबर 2024 के बाद से बाजार में जो करेक्शन आया, वह निवेशकों के लिए एक सुनहरा अवसर है।
अपनी मिड-ईयर आउटलुक रिपोर्ट में Morgan Stanley ने जून 2026 तक सेंसेक्स का बेस टारगेट 89,000 कर दिया है, जबकि बुल केस में सेंसेक्स के 1,00,000 तक पहुंचने की संभावना जताई गई है।
मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था बना सहारा
Morgan Stanley Stock की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत की आर्थिक बुनियाद मजबूत बनी हुई है। कम महंगाई, बेहतर ट्रेड टर्म्स, वित्तीय अनुशासन और सॉफ्ट मौद्रिक नीति जैसी चीजें विकास को मजबूती दे रही हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, निजी निवेश में सुधार, कंपनियों की बैलेंस शीट की स्थिति बेहतर होना और बढ़ती खपत से आने वाले 3 से 5 वर्षों में कॉरपोरेट कमाई में सालाना 15-17% की ग्रोथ देखी जा सकती है।
कमाई के अनुमान में इजाफा EPS और GDP का अपग्रेड
Morgan Stanley Stock ने सेंसेक्स की प्रति शेयर कमाई (EPS) का अनुमान थोड़ा बढ़ाया है, जो भारत की GDP ग्रोथ को लेकर कंपनी के अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है। इसके आधार पर, कंपनी को उम्मीद है कि FY28 तक सेंसेक्स की कमाई सालाना 16.8% की दर से बढ़ेगी।
विदेशी निवेशकों की वापसी के संकेत
रिपोर्ट बताती है कि विदेशी निवेशक अभी भी भारत को लेकर थोड़ा सतर्क हैं, लेकिन निवेश की वापसी के शुरुआती संकेत दिखने लगे हैं।
वहीं घरेलू रिटेल निवेशक लगातार बाजार में सक्रिय हैं, जिससे बाजार में मजबूती बनी हुई है। हाल की गिरावट के बावजूद वोलाटिलिटी सीमित रही है, जो भारतीय बाजार की मजबूती का संकेत है।
कहां है निवेश का फोकस
Morgan Stanley Stock रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू साइक्लिकल सेक्टर को डिफेंसिव और एक्सपोर्ट ओरिएंटेड सेक्टर की तुलना में प्राथमिकता दी जा रही है। कंपनी का फोकस फाइनेंशियल्स, कंज़्यूमर डिस्क्रिशनरी और इंडस्ट्रियल सेक्टर्स पर है, जबकि एनर्जी, मटीरियल्स, यूटिलिटीज और हेल्थकेयर सेक्टर में इसका वेटेज कम है।
कंपनी ने भारतीय शेयर बाजार को “स्टॉक पिकर का मार्केट” बताया है, जहां अलग-अलग स्टॉक्स में आपसी संबंध (correlation) कम हो गए हैं, जिससे बेहतर स्टॉक चयन से रिटर्न बढ़ सकता है।
तीन संभावित परिदृश्य बुल, बेस और बियर केस
बेस केस: 89,000 का लक्ष्य, इसके लिए 50% संभावना जताई गई है। यह मानता है कि कच्चे तेल की कीमतें नरम रहेंगी, अमेरिकी अर्थव्यवस्था स्थिर रहेगी और सरकार की नीतियां बाजार के अनुकूल होंगी।
बुल केस: अगर वैश्विक और घरेलू हालात मजबूत रहे (जैसे रेट कट, तेल की कम कीमतें, नीतिगत सुधार), तो सेंसेक्स 1,00,000 तक पहुंच सकता है।
बियर केस: वैश्विक मंदी और तेल की ऊंची कीमतों की स्थिति में सेंसेक्स 70,000 तक गिर सकता है।
भारत की स्थिरता बन सकती है ग्लोबल फंड्स का अगला ठिकाना
Morgan Stanley Stock की नजर में, भारत की वोलाटिलिटी यानी उतार-चढ़ाव वैश्विक बाजारों की तुलना में कम है।
हालांकि अगर दुनियाभर में बुल रन आता है, तो भारत तुलनात्मक रूप से थोड़ा पिछड़ सकता है, लेकिन फिर भी घरेलू आर्थिक ढांचा इतना मजबूत है कि निवेशकों को आकर्षित कर सकता है और बाजार को सहारा देता रहेगा।
Morgan Stanley Stock की ताज़ा रिपोर्ट भारत में निवेश के प्रति एक मजबूत विश्वास दर्शाती है। अगर आर्थिक स्थिति अनुकूल रहती है, तो भारतीय शेयर बाजार आने वाले वर्षों में निवेशकों को बेहतरीन रिटर्न दे सकता है और सेंसेक्स का 1,00,000 तक पहुंचना अब सिर्फ एक सपना नहीं रह जाएगा।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। इसमें निवेश की सलाह नहीं दी जा रही है। किसी भी निवेश से पहले योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।