SIP Investment Strategy: बीते कुछ महीनों में शेयर बाजार में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिला। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ वॉर, भारत में महंगे वैल्यूएशन, कंपनियों के कमजोर नतीजे और वैश्विक राजनीतिक तनाव ने बाजार को हिला कर रख दिया था।
लेकिन अब परिस्थितियां स्थिर हो रही हैं और बाजार ने दोबारा रफ्तार पकड़ ली है। ऐसे में निवेशकों के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि मौजूदा माहौल में SIP Investment Strategy क्या होनी चाहिए?
क्या है SIP की मौजूदा स्थिति?
SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान में निवेश का ट्रेंड अब भी मजबूत बना हुआ है। हालांकि कुछ निवेशकों ने हालिया गिरावट में SIP बंद की, लेकिन आंकड़ों की मानें तो इसकी बड़ी वजह योजनाबद्ध परिपक्वता है, न कि डर। AMFI के अनुसार:
- जनवरी में करीब 61.33 लाख SIP बंद हुईं।
- फरवरी में यह संख्या 54.7 लाख रही।
- मार्च में घटकर 51.55 लाख पर आ गई।
- अप्रैल में यह संख्या 1.62 करोड़ हो गई।
हालांकि फरवरी में SIP के जरिए कुल निवेश ₹25,999 करोड़ से अधिक रहा, जो दर्शाता है कि निवेशकों की भावना अभी भी सकारात्मक है।
क्या SIP बंद होना घबराहट का संकेत है?
Anand Rathi Wealth के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के अनुसार, SIP बंद होना निवेशकों की परिपक्वता का प्रतीक है। उनका कहना है कि बहुत से निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्य पूरे करके SIP से अनुशासित ढंग से बाहर निकल रहे हैं। कुछ बेहतर स्कीम्स या एसेट क्लास की ओर शिफ्ट कर रहे हैं, जिससे भारत में फाइनेंशियल लिटरेसी में सुधार का संकेत मिलता है।
SIP रिटर्न के प्रति बनाएं यथार्थवादी नजरिया
SIP Investment Strategy को समझने के लिए जरूरी है कि निवेशक रिटर्न को लेकर व्यावहारिक सोच रखें। EpsilonMoney के AVP सिद्धार्थ आलोक के मुताबिक:
- पिछले 5 वर्षों में Nifty 500 ने लगभग 25.7% CAGR रिटर्न दिया है।
- वहीं 10 साल का CAGR करीब 13.9% रहा है।
उन्होंने कहा कि लंबी अवधि में 14% रिटर्न भी शानदार माने जाते हैं, इसलिए निवेशकों को अत्यधिक अपेक्षाएं नहीं पालनी चाहिए।
SIP के साथ घबराना नहीं, बने रहना ही समझदारी
Geojit Investments के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट डॉ. वीके विजयकुमार ने चेताया कि बाजार की गिरावट से डरकर SIP बंद कर देना सबसे बड़ी गलती हो सकती है। उन्होंने बताया कि अप्रैल में SIP स्टॉपेज रेशियो बढ़ा जरूर था, लेकिन जैसे ही बाजार ने रिकवरी की, यह साफ हो गया कि बाजार को टाइम करना लगभग असंभव है।
उनके अनुसार, SIP Investment Strategy का मूल मंत्र यही है कि उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेश जारी रखें। हालांकि उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि वर्तमान में स्मॉलकैप की तुलना में लार्जकैप या फ्लेक्सी कैप फंड्स में SIP करना अधिक फायदेमंद हो सकता है।
निष्कर्ष: SIP है अनुशासन का प्रतीक, डर से नहीं, रणनीति से करें निवेश
SIP केवल एक निवेश तरीका नहीं, बल्कि अनुशासन और दीर्घकालिक सोच का संकेत है। मौजूदा बाजार माहौल में जहां तेजी लौट रही है, वहीं सही SIP Investment Strategy अपनाकर निवेशक अपने लक्ष्य की ओर मजबूत कदम बढ़ा सकते हैं। डर से नहीं, समझदारी से लिया गया निर्णय ही सफलता की कुंजी है।
(डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। इसमें निवेश की सलाह नहीं दी जा रही है। किसी भी निवेश से पहले योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।)